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Insta Reel या एकेडमी....राधिका पर पिता को था गर्व, फिर क्यों खून से रंगे हाथ?

 

आपने दंगल फिल्म का एक मशहूर डायलॉग तो सुना ही होगा कि 'म्हारी छोरियाँ छोरों से कम हैं के'। हरियाणा की बेटी राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव ने भी इस डायलॉग को चरितार्थ कर दिखाया। राधिका यादव 18 स्वर्ण पदक जीत चुकी थीं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके पिता ही उनके सपनों को चकनाचूर कर देंगे। दरअसल, गुरुवार (10 जुलाई) को राधिका घर पर खाना बना रही थीं, तभी उनके पिता ने पीछे से उन्हें गोली मार दी। घटना के दौरान राधिका की माँ भी घर पर ही थीं। आइए आपको बताते हैं कि पिता ने इस दिल दहला देने वाली वारदात को क्यों अंजाम दिया।

आरोपी पिता गिरफ्तार

बेटी की हत्या के मामले में सेक्टर-56 थाने की पुलिस ने आरोपी पिता दीपक यादव को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया और हत्या में इस्तेमाल लाइसेंसी पिस्तौल भी बरामद कर ली।

बेटी की हत्या क्यों की?

आरोपी पिता दीपक यादव ने अपनी राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी बेटी राधिका यादव की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह बेटी की कमाई खाने के लिए लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। झूठी शान के लिए उसने गुरुवार दोपहर बेटी को तीन गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना के वक्त बेटी रसोई में खाना बना रही थी।

लोगों की चालों से तंग आ चुका था दीपक

बेटी की कमाई हड़पने की लोगों की कोशिशों से तंग आकर पिता बेटी राधिका पर अकादमी बंद करने का दबाव बना रहा था, लेकिन राधिका नहीं मानी। इसी बात को लेकर 15 दिनों से दोनों के बीच झगड़ा चल रहा था। गुरुवार को इसी विवाद में दीपक ने अपनी बेटी के खून से अपने हाथ रंग लिए। बताया जा रहा है कि दीपक यादव गुस्सैल स्वभाव का है। उसे किसी भी बात पर बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है।

घटना के वक्त परिवार कहाँ था?

बता दें कि जिस वक्त दीपक ने इस वारदात को अंजाम दिया, उस वक्त राधिका का भाई, मां और चाचा कुलदीप का परिवार नीचे था। गोली लगने के बाद लहूलुहान हालत में राधिका को मेरिंगो एशिया अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान दोपहर बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस को मेरिंगो अस्पताल से हत्या की सूचना मिली। पिता ने कहा- उन्हें अपनी बेटी पर गर्व था, लेकिन वह चुभ रहा था।