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हजारों मजदूर पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों को निकले

 

कोरोना वायरस का कहर तेजी के साथ दुनिया भर में पसरा है तो महामारी से निपटने के लिए भारत को 21 दिन के लिए लॉक कर दिया गया है। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे देश में 21 दिन का लॉकडाउन प्रवासी कामगारों पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के सामने रोजगार और खाने पीने की चीजों का संकट गहरा गया है। रोजगार और रहने के ठइकाने खोते ही दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर सहित कई शहरों से हजारों मजदूर पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं।

नौकरी, रहने का ठिकाना और गांव पहुंचने के साधन नहीं होने पर अहमदाबाद से करीब 2000 मजदूर बच्चों के साथ पैदल ही राजस्थान की तरफ चल रहे हैं। अहमदाबाद से चले मजदूर बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर नजर आए।

छत्तीगढ़ की राजधानी रायपुर से बड़ी संख्या मजदूर लॉकडाउऩ के बीच 300 किलोमीटर का पैदल सफर कर मध्यप्रदेश पहुंचे। इन कामगारों को पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू के रविवार के दिन ही ठेकेदारों ने बिना मजदूरी दिए भगा दिए। पुलिस ने सभी मजदूरों की जांच करवाकर खाना खिलाया।

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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लेकर 14 अप्रेल देश को लॉकडाउन किया गया है। इस बीच लोगों को घरों से निकलने पर पाबंधी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे कोरोना को लेकर इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि लॉकाडउन एक तरह से कर्फ्यू है। कोरोना से जंग के लिए एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंस है, घरों पर रहने से ही संभव है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का हर राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, जिले, गांव कस्बे, गल्ली मोहल्ले सब 21 दिन के लिए लॉकडाउन रहेंगे। इस बीच मजदूरों के सामने रोजगार और खाने पीने की चीजों का संकट गहरा गया है। ऐसे में लोग अपने घरों की और रुख कर रहे हैं।

कोरोना वायरस का कहर तेजी के पैर पसार रहा है तो महामारी से निपटने के लिए भारत को 21 दिन के लिए लॉक कर दिया गया है। कोरोना की जंग में लड़ाई लड़ रहे देश में प्रवासी कामगारों पर असर पड़ा है। लोगों के सामने रोजगार और खाने पीने की चीजों का संकट गहरा गया है। हजारों मजदूर पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों को निकले