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कौन बनेगा देश का अगला उपराष्ट्रपति? जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद इन बड़े नामों की चर्चा, यहां समझिए नंबर गेम

 

देश की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम (21 जुलाई, 2025) अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया, जिसने न केवल नेताओं को चौंका दिया, बल्कि देश भर में राजनीतिक बहस को भी तेज कर दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का हवाला दिया। उनके इस्तीफे के साथ ही अब देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए नए सिरे से चुनाव होना तय है और यह प्रक्रिया कई राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।

उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों - लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। ये चुनाव गुप्त मतदान और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के तहत होते हैं, जिसमें सांसद वरीयता क्रम में उम्मीदवारों का चयन करते हैं।

एनडीए के पास बहुमत का आंकड़ा

लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं, जिनमें से एक (बशीरहाट, पश्चिम बंगाल) रिक्त है। राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, लेकिन वर्तमान में 5 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से 4 जम्मू-कश्मीर से और 1 पंजाब से है। यानी राज्यसभा की प्रभावी संख्या 240 है। वर्तमान में, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। दोनों सदनों की कुल प्रभावी सदस्यता 786 है और जीत के लिए आवश्यक बहुमत 394 वोट है। ऐसे में एनडीए कुल 422 सांसदों के समर्थन के साथ स्पष्ट बढ़त बनाए हुए है।

आगे की प्रक्रिया क्या है?

संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, यदि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, तो चुनाव पहले ही हो चुका होता है। लेकिन मृत्यु, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने जैसी किसी आपात स्थिति में जल्द से जल्द चुनाव कराना आवश्यक है। हालाँकि, सूत्रों के अनुसार, संसद के मौजूदा मानसून सत्र में उपराष्ट्रपति चुनाव की कोई संभावना नहीं है और चुनाव की प्रक्रिया अगले सत्र में हो सकती है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, लेकिन वर्तमान उपराष्ट्रपति तब तक पद पर बने रह सकते हैं जब तक कोई नया व्यक्ति पदभार ग्रहण नहीं कर लेता।