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देश को नया उपराष्ट्रपति कब तक मिलेगा? पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया पूरा प्रोसेस

 

चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर अपडेट दिया है। आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि चुनाव आयोग ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। दरअसल, 21 जुलाई की रात जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, दूसरे दिन उनका इस्तीफा मंजूर भी हो गया। धनखड़ ने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। अब चुनाव आयोग उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराएगा।

चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है - चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसके बाद, इससे जुड़ी अन्य तैयारियाँ भी जल्द ही पूरी कर ली जाएँगी और इस पद के लिए चुनाव कब होंगे, इसकी घोषणा की जाएगी।

यह पद अत्यंत महत्वपूर्ण है

भारतीय संविधान के अनुसार, देश के उपराष्ट्रपति का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है और राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर उपराष्ट्रपति इसका कार्यभार संभालते हैं। इतना ही नहीं, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं।

उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, के सदस्यों द्वारा किया जाता है। यानी, लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य भी इस चुनाव में भाग लेते हैं। इस चुनाव के दौरान एक विशेष प्रकार का मतदान होता है, जिसे एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) कहा जाता है। इस दौरान मतदाता को केवल एक ही मत डालना होता है, लेकिन उसे अपनी पसंद के आधार पर वरीयता तय करनी होती है।

चुनाव कितने दिनों में होगा?

नियमों के अनुसार, यदि देश का उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे देता है या किसी कारणवश पद पर नहीं रहता है, तो उसके इस्तीफे के 60 दिनों के भीतर रिक्त पद को भरने के लिए औपचारिक चुनाव कराना आवश्यक है। संविधान के नियमों के अनुसार, इस अवधि के दौरान राज्यसभा के उपसभापति उच्च सदन के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालते हैं। वर्तमान में यह पद हरिवंश नारायण सिंह के पास है।