संसद की सीढ़ियों पर कंबल बिछाए, रातभर टीएमसी सांसदों का धरना, विरोध के बीच पास हुआ ‘जी राम जी’ बिल
विकसित भारत जी राम जी विधेयक लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी पास हो गया है. सरकार के मुताबिक यह विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है. हालांकि चर्चा के दौरान विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया. विपक्ष के विरोध के बीच संसद ने ध्वनि मत से वीबी राम जी बिल बिल पास कर दिया है. इसके बाद राज्यसभा सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. इस बिल के विरोध में विपक्षी पार्टियों ने संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरना भी दिया.
जी राम जी विधेयक 20 साल पुरानी एमजीएनआरईजीए (मनरेगा) योजना का स्थान लेगा और हर साल 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की गारंटी देगा. विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोर देकर कहा कि पुरानी योजना की कमियों को दूर करने के लिए यह विधेयक आवश्यक था.
दरअसल विक्षित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक को लोकसभा द्वारा पारित किए जाने के कुछ घंटों बाद राज्यसभा ने ध्वनि मत से पारित कर दिया. विपक्ष ने मौजूदा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एमजीएनआरईजीए से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने और राज्यों पर वित्तीय बोझ डाले जाने के विरोध में कड़ा प्रदर्शन किया.
विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए विपक्ष के कई सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया. बाद में विपक्षी दलों ने विधेयक के विरोध में संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरना दिया. विपक्ष ने यह भी मांग की है कि विधेयक को आगे की जांच के लिए संसदीय समिति को भेजा जाए.
मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर हमला बोला
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एक समय आएगा जब आप इस कानून को भी तीन कृषि कानूनों की तरह वापस ले लेंगे. क्या आप ऐसा आंदोलन चाहते हैं जिसमें लोग सड़कें जाम करें, विरोध करें, गोली लगने से घायल हों और मर जाएं? तभी आप कानून वापस लेंगे? लोग सड़कों पर उतरेंगे, गोलियों का सामना करेंगे, लेकिन इस कानून का कभी समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हम लड़ते रहेंगे.
वहीं संजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 80 देशों में गांधी की प्रतिमा है. गांधी राम भक्त थे. इसलिए राम के नाम पर खेल मत खेलिए. राम के नाम पर लूट की तभी अयोध्या हारे. राम भगवान भी अपने भक्त का नाम हटाने से खुश नहीं होंगे. आपको श्राप देंगे. क्या इस जी राम जी योजना से राम का सम्मान कर रहे हैं या अपमान कर रहे हैं?
अन्नाद्रमुक से एम. थंबीदुरई ने कहा कि हम बिल का समर्थन करते हैं लेकिन 60-40 के प्रावधान पर विचार हो. हमें गांधी जी के नाम से ऐतराज नहीं लेकिन याद दिलाना चाहूंगा जब महात्मा गांधी के नाम पर योजना हो रही थी तब डीएमके दबाव में सरकार ने उसे ऐसा नाम दिया मनरेगा जिससे उसमें MGR न आने पाए.
नाम बदलने से मजदूरों का भला नहीं होगा
बीजेडी सांसद शुभाशीष खूंटिया ने कहा, नाम बदलने से मजदूरों का भला नहीं होगा, बिल में कई खामियां है, सेलेक्ट कमेटी को भेजिए. वहीं, YSRCP के निरजन रेड्डी ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की.इससे पहले लोकसभा में हुई लंबी और तीखी बहस के दौरान केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला.
शिवराज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को चर्चा में घसीटे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि संघ को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. जबकि RSS व्यक्ति निर्माण का केंद्र रहा है और देश को चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रनिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक लंबी परंपरा दी है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित भाव से कार्य करते हैं. उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के विचारों को पढ़ा और समझा जाना चाहिए, क्योंकि हिंदुत्व किसी प्रकार की संकीर्ण विचारधारा नहीं है, बल्कि वसुधैव कुटुंबकम की भावना पर आधारित है.
कांग्रेस ने गांधी जी के आदर्शों की हत्या की
लोकसभा में जवाब देते हुए शिवराज ने कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाया कि उसने कभी भी महात्मा गांधी के आदर्शों को ईमानदारी से नहीं अपनाया. उन्होंने कहा कि 1948 में आजादी के बाद गांधी जी ने स्पष्ट कहा था कि कांग्रेस का ऐतिहासिक कार्य पूरा हो चुका है और पार्टी को भंग कर लोकसेवक संघ बनाया जाना चाहिए था लेकिन सत्ता से चिपके रहने की लालसा में नेहरू ने कांग्रेस को भंग नहीं किया और उसी दिन गांधी जी के आदर्शों की हत्या कर दी गई.
शिवराज ने आगे कहा कि देश का विभाजन स्वीकार करना, कश्मीर को विशेष दर्जा देना, आपातकाल लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ाना और दिल्ली में संतों पर गोलियां चलाना, ये सभी घटनाएं गांधी जी के सिद्धांतों के विरुद्ध थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार और घोटालों से देश को डुबोकर कांग्रेस ने बार-बार गांधी जी के आदर्शों को कुचला.
नामकरण की राजनीति पर कांग्रेस को घेरा
शिवराज सिंह चौहान ने नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि नाम रखने की सनक अगर किसी को है तो वह कांग्रेस है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के नाम पर नहीं, बल्कि नेहरू-गांधी परिवार को महिमामंडित करने के लिए योजनाओं, संस्थानों और सार्वजनिक परिसंपत्तियों के नाम रखे.