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‘किराए के 1500 करोड़ रुपये बचेंगे... PM मोदी ने बताया क्यों जरूरी था कर्तव्य भवन का निर्माण, जाने क्या हैं इसके फायदे

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सेंट्रल विस्टा के कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन के उद्घाटन के बाद जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, "कर्तव्य भवन विकसित भारत की नीतियों और दिशा का मार्गदर्शन करेगा। पहले विभिन्न मंत्रालयों के किराए पर 1500 करोड़ रुपये खर्च हो रहे थे।" उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ कुछ नई इमारतें और सामान्य बुनियादी ढांचा नहीं हैं। अमृतकाल में इन्हीं इमारतों में विकसित भारत की नीतियां बनेंगी, फैसले लिए जाएंगे और आने वाले दशकों में राष्ट्र की दिशा यहीं से तय होगी।

मैं आप सभी को कर्तव्य पथ भवन के लिए बधाई देता हूं। इसके निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियरों और श्रमिक साथियों का भी इस मंच से धन्यवाद करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, "हमने काफी मंथन के बाद इसका नाम कर्तव्य भवन रखा है। कर्तव्य पथ, कर्तव्य भवन हमारे लोकतंत्र, हमारे संविधान की मूल भावना का उद्घोष करते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि आजादी के बाद दशकों तक देश की प्रशासनिक मशीनरी अंग्रेजों के जमाने में बनी इमारतों में ही चलती रही। इन प्रशासनिक भवनों में काम करने की परिस्थितियाँ बेहद खराब थीं, जहाँ जगह सीमित थी, वहीं रोशनी और हवा का भी अभाव था।

प्रधानमंत्री ने कहा, "कर्तव्य केवल एक इमारत का नाम नहीं है, यह करोड़ों देशवासियों के सपनों को साकार करने की तपोभूमि है। कर्तव्य ही शुरुआत है, कर्तव्य ही नियति है। कर्म की करुणा और स्नेह के बंधन से बंधा कर्म... यही कर्तव्य है।"नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "हमारी सरकार समग्र दृष्टि से भारत के नव-निर्माण में जुटी है। यह पहला कर्तव्य भवन बनकर तैयार हो चुका है, ऐसे कई कर्तव्य भवनों का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है। आज देश का कोई भी हिस्सा विकास की धारा से अछूता नहीं है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कर्तव्य भवन जैसा आधुनिक बुनियादी ढाँचा न केवल जन-हितैषी भावना को दर्शाता है, बल्कि पृथ्वी के लिए भी अनुकूल है। इस भवन की छत पर नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सौर पैनल लगे हैं, और उन्नत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को इसके डिज़ाइन में सहजता से एकीकृत किया गया है। आज, टिकाऊ, हरित भवनों का विज़न पूरे देश में तेज़ी से गति पकड़ रहा है।"