प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक पांच देशों की यात्रा: भारत की बढ़ती वैश्विक साख का प्रतीक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आठ दिवसीय, पांच देशों की यात्रा के बाद भारत लौट आए हैं। यह दौरा न केवल भारत की कूटनीतिक मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत की विदेश नीति अब केवल पड़ोसी देशों तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभाव छोड़ने वाली बन चुकी है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा किया और हर देश में भारत के रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
घाना: तीन दशक बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा
2 जुलाई को पीएम मोदी की यात्रा की शुरुआत अफ्रीकी देश घाना से हुई। यह यात्रा खास इसलिए भी रही क्योंकि तीन दशक बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना का दौरा किया। घाना सरकार ने पीएम मोदी को वहां का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ देकर सम्मानित किया। उन्होंने घाना की संसद को भी संबोधित किया, जिसमें भारत-घाना सहयोग के नए युग की नींव रखी गई।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो: कैरेबियन सहयोग को नई दिशा
इसके बाद प्रधानमंत्री त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचे। वहां राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ प्रदान किया। भारत और त्रिनिदाद के बीच छह महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए जिनमें फार्मास्यूटिकल, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सहयोग प्रमुख हैं। उन्होंने संसद को संबोधित करते हुए भारतीय मूल के नागरिकों से भी जुड़ाव बढ़ाया।
अर्जेंटीना: रणनीतिक साझेदारी की नई ऊंचाई
प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी यात्रा दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना की रही। यहां राष्ट्रपति जेवियर माइली ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता में भारत-अर्जेंटीना रणनीतिक साझेदारी के 5 वर्ष पूरे होने पर विशेष जोर दिया गया। पीएम मोदी ने इस साझेदारी को विज्ञान, व्यापार और तकनीकी नवाचार के क्षेत्रों में और आगे बढ़ाने की बात कही। इस दौरान पीएम मोदी की कुछ नामी फुटबॉल खिलाड़ियों से भी मुलाकात चर्चा में रही।
ब्राजील: BRICS सम्मेलन और बहुपक्षीय नेतृत्व
प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हुए 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने वैश्विक संस्थाओं की पुरानी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि 21वीं सदी की समस्याओं को हल करने के लिए नई सोच और नया नेतृत्व जरूरी है। उन्होंने आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और वैश्विक आर्थिक असंतुलन जैसे मुद्दों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। बाद में वे ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे, जहां राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस' प्रदान किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, विज्ञान और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर कई MoUs पर हस्ताक्षर हुए।
नामीबिया: संबंधों की नई उड़ान
विदेश दौरे के अंतिम पड़ाव पर प्रधानमंत्री मोदी नामीबिया पहुंचे। राष्ट्रपति डॉ. नेतुम्बो नंदी-नदैतवा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी को यहां ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, जैव विविधता और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी। संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नामीबिया एक साझा भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं, जिसमें विश्वास, सहयोग और विकास मुख्य आधार होंगे।