संदिग्ध लेन-देन के खिलाफ IT विभाग की 'सर्जिकल स्ट्राइक', पंजीकृत दलों और NGO के 110 ठिकानों पर देशभर में मारे छापे
देशभर में आयकर विभाग ने जालसाजी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। 200 से ज़्यादा जगहों पर छापेमारी की जा रही है, जहाँ राजनीतिक चंदे, ट्यूशन फीस और मेडिकल खर्च के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ है जो फर्जी बिल बनाकर कर छूट का गलत फायदा उठा रहे थे।
विभाग को शिकायतें मिली थीं कि कई लोग फर्जी बिलों के जरिए कर चोरी की कोशिश कर रहे हैं। इनमें राजनीतिक चंदे के साथ-साथ मेडिकल खर्च और ट्यूशन फीस के नाम पर भी जालसाजी शामिल है। यह खेल खासकर बड़े शहरों में लोकप्रिय था, जहाँ लोग रसूख का इस्तेमाल करके कर चोरी कर रहे थे।
राजनीतिक चंदे के नाम पर जालसाजी
राजनीतिक दलों या चुनावी ट्रस्टों को दिए गए दान पर आयकर अधिनियम की धारा 80GGC के तहत कर से छूट मिलती है। लेकिन सूत्रों ने बताया कि कई बिचौलियों ने इस छूट का गलत फायदा उठाया। ये लोग 5 से 10 प्रतिशत कमीशन लेकर फर्जी बिल बनाते थे, जिसके जरिए करदाता कर कटौती का दावा करते थे।
यह धोखाधड़ी सिर्फ राजनीतिक चंदे तक ही सीमित नहीं थी। कई लोग ट्यूशन फीस और मेडिकल खर्च के नाम पर फर्जी बिल बनाकर भी टैक्स की चोरी कर रहे थे। विभाग ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने के लिए देशभर में छापेमारी शुरू कर दी है।
बड़े शहरों में चल रही है टैक्स चोरी
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला खास तौर पर राजधानी और बड़े शहरों में देखने को मिला। यहाँ लोग अपने संपर्कों और रिश्तों का फायदा उठाकर फर्जी बिलों के जरिए टैक्स बचाने की कोशिश कर रहे थे। आयकर विभाग ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है और अब सख्त कार्रवाई कर रहा है।