ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने गिराए पाकिस्तान के F-16, JF-17 और SAAB-2000 AWACS, जानिए कितना हुआ नुकसान
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (एपी सिंह) ने शनिवार को पुष्टि की कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। भारतीय सैन्य अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों को मार गिराने की पुष्टि की थी, लेकिन उस समय उन्होंने कहा था कि वे आंकड़े जुटा रहे हैं ताकि इस बारे में सटीक जानकारी मिल सके कि उनके (पाकिस्तान के) कितने विमान गिरे हैं। अब वायुसेना प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमान गिरे हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर में सभी पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। हिंदुस्तान टाइम्स और फर्स्ट पोस्ट समेत कई अखबारों ने उसी समय दावा किया था कि गिरे पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों में एक जेएफ-17, दो अमेरिकी एफ-16, एक सी-130जे और एक साब-2000 अवाक्स विमान शामिल थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया था कि भारतीय S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने लगभग 314 किलोमीटर की दूरी से एक AAB-2000 AWACS विमान को मार गिराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
इसने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी
पाकिस्तानी वायु सेना के लिए, ये विमान उसकी रीढ़ कहे जाते हैं। खासकर SAAB-2000 AWACS विमान, जो एक निगरानी विमान है, पाकिस्तान में भारतीय सीमा के 300 किलोमीटर अंदर उड़ रहा था, जब उसे S-400 ने मार गिराया। ये प्रणालियाँ न केवल हवाई युद्ध में, बल्कि निगरानी, रसद और समन्वय में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन विमानों को मार गिराकर भारत ने पाकिस्तानी वायु सेना की परिचालन क्षमता को निशाना बनाया था। एयर चीफ मार्शल ने कहा, "हमने कम से कम पाँच लड़ाकू विमानों के हताहत होने की पुष्टि की है और एक बड़े विमान, जो या तो एक ELINT विमान या AEW&C विमान हो सकता है, को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया गया।" भारतीय वायुसेना प्रमुख ने AEW&C विमान को मार गिराए जाने को अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन से हवा में किया गया हमला बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के शाहबाज़ जैकबाबाद हवाई अड्डे पर F-16 हैंगर का आधा हिस्सा "गायब" हो गया और अंदर मौजूद कुछ विमान क्षतिग्रस्त हो गए होंगे।
JF-17 से लेकर F-16 लड़ाकू विमान भी नष्ट
बता दें कि JF-17 थंडर लड़ाकू विमान को पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। पाकिस्तानी वायुसेना के पास इन लड़ाकू विमानों की सबसे ज़्यादा संख्या है। इसके अलावा, F-16 फाइटिंग फाल्कन पाकिस्तानी वायुसेना के सबसे उन्नत और विश्वसनीय लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। ये विमान अमेरिका ने आतंकवादी अभियानों का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान को सौंपे थे। हालाँकि, इस बार पाकिस्तान ने F-16 को उड़ाने के बजाय उसे छिपा दिया। लेकिन ये विमान भी S-400 के निशाने से बच नहीं पाए और कम से कम दो F-16 मार गिराए गए। इसके अलावा, C-130J सुपर हरक्यूलिस पाकिस्तान वायु सेना का प्रमुख रसद और परिवहन विमान है, जिसका इस्तेमाल सैनिकों और भारी हथियारों के तेज़ परिवहन, चिकित्सा निकासी और आपदा राहत के लिए किया जाता है। एक C-130J के नष्ट होने से पाकिस्तान की ज़मीनी आपूर्ति और सामरिक परिवहन क्षमता पर गंभीर असर पड़ता है।
वहीं, SAAB-2000 AEW&C प्रणाली पाकिस्तान वायु सेना का "उड़ता हुआ कमांड सेंटर" है। इसे वायु सेना की तीसरी आँख भी कहा जाता है। पाकिस्तान इसका इस्तेमाल भारतीय वायु सेना की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कर रहा था। यह 450 किलोमीटर से ज़्यादा दूरी पर दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों पर नज़र रखने की क्षमता रखता है और युद्धक्षेत्र की वास्तविक समय की खुफिया जानकारी भी देता है। इसका नष्ट होना पाकिस्तान के वायु रक्षा नेटवर्क की "आँखें और कान" खोने जैसा था। इसके नष्ट होने से पाकिस्तान वायु सेना की 75 प्रतिशत निगरानी क्षमता नष्ट हो गई। पाकिस्तान अब चीन से नए निगरानी विमान खरीद रहा है। आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेसों पर सटीक हमले किए थे और पाकिस्तान भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों को रोकने में नाकाम रहा था।