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राफेल का वो AI हथियार, जिसने नेस्तनाबूद किया था पाकिस्तानी मिसाईलों को, जानें क्या है इसकी खासियत?

 

हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' की खूब चर्चा हो रही है। खबरों के मुताबिक, मई 2025 में पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान भारतीय वायुसेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया था। इसी तकनीक को 'एक्स-गार्ड' कहते हैं, जो हमारे राफेल लड़ाकू विमानों की सुरक्षा करती है। यह तकनीक इतनी कारगर साबित हुई कि इसने पाकिस्तानी वायुसेना के चीनी J-10C लड़ाकू विमानों और उनकी PL-15E मिसाइलों को पूरी तरह से परास्त कर दिया।

आखिर है क्या यह एक्स-गार्ड?

आसान भाषा में कहें तो एक्स-गार्ड राफेल विमान का एक 'इलेक्ट्रॉनिक बॉडीगार्ड' है। यह लगभग 30 किलो वजन का एक छोटा सा उपकरण है। जब राफेल हवा में होता है, तो यह उपकरण 100 मीटर लंबे तार के ज़रिए विमान के पीछे उड़ता है। नकली राफेल बनाना: यह अपने अंदर से 360 डिग्री पर एक शक्तिशाली सिग्नल उत्सर्जित करता है। यह सिग्नल इतना वास्तविक होता है कि दुश्मन के रडार को लगता है कि आगे कोई दूसरा राफेल विमान है। AI का जादू: यह सिर्फ़ एक सिग्नल नहीं है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करता है। इससे यह सिस्टम 'डॉप्लर प्रभाव' की नकल करता है। यानी यह हवा में सुपरसोनिक गति से उड़ रहे लड़ाकू विमान की हूबहू ध्वनि और सिग्नल उत्पन्न करता है।

दुश्मन को धोखा: इस नकली सिग्नल की वजह से दुश्मन की मिसाइलें और उनके लड़ाकू विमान असली राफेल को छोड़कर इस नकली परछाई के पीछे चले जाते हैं। उन्हें लगता है कि उन्होंने एक भारतीय राफेल को निशाना बनाकर मार गिराया है, जबकि वास्तव में वे इस एक्स-गार्ड डिवाइस पर हमला कर रहे थे। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भी यही हुआ था। पाकिस्तानी पायलटों को लगा कि उन्होंने भारत के राफेल को निशाना बनाया है, लेकिन असल में यह एक एक्स-गार्ड डिकॉय (नकली लक्ष्य) था, जबकि हमारा असली राफेल सुरक्षित बच निकला।

यह इतना खास क्यों है?

बहुत तेज़: इसे केवल 2 सेकंड से भी कम समय में तैनात किया जा सकता है।

पुन: उपयोग: मिशन के बाद इसे विमान में वापस खींच लिया जाता है और इसका पुन: उपयोग किया जा सकता है।

एक वफ़ादार साथी: यह एक 'डिकॉय विंगमैन' की तरह काम करता है, यानी एक ऐसा साथी जो दुश्मन का सारा ध्यान अपनी ओर खींचता है और हमले को अपनी ओर मोड़ता है ताकि मुख्य विमान सुरक्षित रहे।

वास्तविक समय की जानकारी: यह कॉकपिट में पायलट को लगातार सूचित करता रहता है कि दुश्मन की मिसाइल ने उसे मारा है या नहीं।
एक पूर्व अमेरिकी F-16 पायलट, रयान बोडेनहाइमर ने इस तकनीक का अवलोकन किया और कहा, "यह अब तक देखी गई सबसे बेहतरीन धोखाधड़ी और छल है।"

कुल मिलाकर, एक्स-गार्ड भारतीय वायु सेना के लिए एक दुर्जेय शक्ति है। यह न केवल हमारे महंगे राफेल विमानों को बचाता है, बल्कि हमारे बहादुर पायलटों की जान भी बचाता है। इस तकनीक में हवाई युद्ध के नियमों को बदलने की क्षमता है।