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2,988 किलो हेरोइन से लेकर ट्रामाडोल के पहाड़ तक… सरकार ने लोकसभा में खोली ड्रग माफिया की पूरी तस्वीर

 

देश में नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई के बीच केंद्र सरकार ने लोकसभा में ड्रग तस्करी को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। सरकार ने सदन को बताया कि बीते वर्षों में देशभर में कार्रवाई करते हुए हजारों किलो मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं। इनमें हेरोइन, कोकीन, चरस, गांजा के साथ-साथ ट्रामाडोल जैसी प्रतिबंधित दवाओं की भारी खेप शामिल है। इन आंकड़ों ने ड्रग माफिया के विशाल नेटवर्क और उसके खतरनाक विस्तार को उजागर कर दिया है।

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन एजेंसियों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अलग-अलग अभियानों में 2,988 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। इसके अलावा हजारों किलो गांजा, चरस और सैकड़ों किलो अन्य सिंथेटिक ड्रग्स भी पकड़ी गई हैं। खास तौर पर ट्रामाडोल की तस्करी को लेकर सरकार ने चिंता जताई है, जिसे बड़ी मात्रा में अवैध रूप से देश में सप्लाई किया जा रहा था।

लोकसभा में बताया गया कि नशे का यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे देशों से ड्रग्स की तस्करी कर भारत लाया जाता है और यहां से आगे दूसरे देशों तक इसकी सप्लाई की जाती है। ड्रग माफिया समुद्री रास्तों, सीमावर्ती इलाकों और कूरियर सेवाओं का इस्तेमाल कर नशे की खेप को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा रहे हैं।

सरकार ने यह भी बताया कि ड्रग तस्करी के मामलों में बड़ी संख्या में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें कई बड़े तस्कर, नेटवर्क संचालक और फाइनेंसर शामिल हैं। साथ ही ड्रग्स से अर्जित अवैध संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई भी तेज की गई है। केंद्र सरकार का कहना है कि नशे के कारोबार से जुड़े लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

सरकार ने सदन में यह भी स्पष्ट किया कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए सिर्फ कार्रवाई ही नहीं, बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों के माध्यम से युवाओं को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही सीमाओं पर निगरानी और खुफिया तंत्र को और मजबूत किया गया है।

विपक्ष ने इन आंकड़ों को लेकर सरकार से सवाल भी किए और पूछा कि इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स देश में कैसे पहुंच रही है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि कार्रवाई पहले से कहीं अधिक सख्त हुई है और इसी वजह से बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ पकड़े जा रहे हैं। सरकार ने इसे नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम बताया।