आपको पता है वह प्रधानमंत्री बनेंगे? राहुल गांधी को लेकर ऐसा क्यों बोला हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट (बॉम्बे हाईकोर्ट) ने 15 जुलाई 2025 को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी। याचिका में मांग की गई थी कि अदालत राहुल गांधी को सावरकर पर लिखी गई किताबें पढ़ने का निर्देश दे, ताकि उनका 'अज्ञान' दूर हो सके।
इंडिया टुडे से जुड़ी विद्या की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह याचिका अभिनव भारत कांग्रेस नामक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष पंकज कुमुदचंद्र फडनीस ने दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि राहुल ने सावरकर के खिलाफ "अपरिपक्व और गैर-जिम्मेदाराना" बयान दिए हैं। इससे काफी भ्रम पैदा हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, फडनीस सावरकर पर शोध कर रहे हैं।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने याचिका पर पूछा,
इस पर याचिकाकर्ता ने जवाब दिया,
"वह विपक्ष के नेता हैं और वह भ्रम पैदा कर रहे हैं। अगर वह प्रधानमंत्री बन गए, तो वह तबाही मचा देंगे।"
पंकज कुमुदचंद्र के इस बयान पर जवाब देते हुए अदालत ने कहा,
"हमें नहीं पता। क्या आपको पता है कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे?"
हालांकि, पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का कानूनी विकल्प है। अदालत ने यह भी बताया कि वीर सावरकर के पोते ने पुणे की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पहले ही मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है।
रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता पहले भी सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में फडणीस ने मांग की थी कि सावरकर का नाम प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम, 1950 की अनुसूची में शामिल किया जाए। यह कानून व्यावसायिक और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नामों के अनुचित उपयोग को रोकने के लिए बनाया गया था।
बता दें कि अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए कांग्रेस सांसद को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था कि वह स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसी टिप्पणियों की अनुमति नहीं देगी। 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने कथित तौर पर सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' कहा था। यह भी कहा गया था कि उन्हें ब्रिटिश सरकार से पेंशन मिलती थी।