हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई
दिल्ली हिंसा को लकेर पुलिस चार दिन में 48 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह दलील दी है। पुलिस ने कोर्ट से कहा है कि हिंसा मामले में भड़काऊ बयान देने वालों पर केस दर्ज करना ठीक नहीं होगा। दरअसल, दिल्ली की पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती तो हिंसा के हालात पर आसानी से काबू पाया जा सकता था। रविवार से शुरू हुए पथराव के बाद लोगों ने आमने सामने होकर आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाटस जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों को दिल्ली पुलिस से मानो भरोसा उठ गया हो।
बुधवार को भजनपुरा, सीलमपुर, मौजपुर, बाबरपुर और जाफराबाद सहित उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें आई थी। गुरुवार को हिंसा को लेकर कोई बड़ा मामला जानकारी में नहीं आ पाया है।
दिल्ली हिंसा को लकेर पुलिस चार दिन में 48 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। हिंसा में मारे गए लोगों के शव लेने के लिए परिजनों को इंतजार करना पड़ रहा है। परिजनों के घरों में सन्नाटा पसरा है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि शवों का पोस्टमार्टम के बाद ही परिजनों को शव सौंपे जाएंगे। हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई