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आवारा कुत्तों पर देशव्यापी विवाद के बीच बड़ा बदलाव, सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच करेगी सुनवाई पुराने जजों की नही होगी कोई भूमिका 

 

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुत्ता प्रेमियों में हड़कंप मच गया था। हालाँकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तीन जजों की नवगठित विशेष पीठ के पास भेज दिया है। नई पीठ गुरुवार (14 अगस्त) को मामले की सुनवाई करेगी। जानकारी के अनुसार, पुराने जज इस सुनवाई का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने ही आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने का आदेश पारित किया था। आवारा कुत्तों से जुड़े इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की विशेष पीठ करेगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिन जजों ने पहले इस मामले की सुनवाई की थी, वे इसमें शामिल नहीं होंगे। आवारा कुत्तों के मामले को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा, लेकिन कुत्ता प्रेमियों ने इसके खिलाफ शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला था।

आवारा कुत्तों ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज से कई लोगों की मौत हो चुकी है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दिल्ली में कुत्तों के काटने के 26,000 मामले सामने आए। इस साल 31 जुलाई तक दिल्ली में रेबीज़ के 49 मामले दर्ज किए गए। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर उम्र के लोगों को आवारा कुत्तों की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले क्या आदेश दिया था?

जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने आवारा कुत्तों के मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। उन्होंने आदेश में कहा था कि दिल्ली के सभी इलाकों से कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजा जाए। नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम के साथ-साथ एनसीआर के हर इलाके से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए और लोगों को राहत दी जाए। आपको बता दें कि 2009 में दिल्ली में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, यहाँ लगभग 5.6 आवारा कुत्ते पाए गए थे, लेकिन पिछले 16 सालों में कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया। हालाँकि, अनुमान है कि इनकी संख्या लगभग 10 लाख तक पहुँच गई है।

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुत्ता प्रेमियों में हड़कंप मच गया था। हालाँकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तीन जजों की नवगठित विशेष पीठ के पास भेज दिया है। नई पीठ गुरुवार (14 अगस्त) को मामले की सुनवाई करेगी। जानकारी के अनुसार, पुराने जज इस सुनवाई का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने ही आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने का आदेश पारित किया था। आवारा कुत्तों से जुड़े इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की विशेष पीठ करेगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिन जजों ने पहले इस मामले की सुनवाई की थी, वे इसमें शामिल नहीं होंगे। आवारा कुत्तों के मामले को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा, लेकिन कुत्ता प्रेमियों ने इसके खिलाफ शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला था।

आवारा कुत्तों ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज से कई लोगों की मौत हो चुकी है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दिल्ली में कुत्तों के काटने के 26,000 मामले सामने आए। इस साल 31 जुलाई तक दिल्ली में रेबीज़ के 49 मामले दर्ज किए गए। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर उम्र के लोगों को आवारा कुत्तों की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले क्या आदेश दिया था?

जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने आवारा कुत्तों के मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। उन्होंने आदेश में कहा था कि दिल्ली के सभी इलाकों से कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजा जाए। नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम के साथ-साथ एनसीआर के हर इलाके से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए और लोगों को राहत दी जाए। आपको बता दें कि 2009 में दिल्ली में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, यहाँ लगभग 5.6 आवारा कुत्ते पाए गए थे, लेकिन पिछले 16 सालों में कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया। हालाँकि, अनुमान है कि इनकी संख्या लगभग 10 लाख तक पहुँच गई है।