Delhi HC का ताहिर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप को खारिज करने से इनकार !
हुसैन फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग और एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शनों और दंगों में कथित भूमिका के लिए चर्चा में रहे हैं।ईडी के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत कई प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जो पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध हैं।अधिकारी ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया कि हुसैन और उसके रिश्तेदारों के स्वामित्व या नियंत्रण वाली कंपनियों ने संदिग्ध संस्थाओं को बड़ी मात्रा में धन हस्तांतरित किया, जिसे उन्होंने नकद में वापस कर दिया।ईडी ने अक्टूबर 2020 में दाखिल अपने चार्जशीट में कहा, हुसैन द्वारा प्राप्त नकदी का इस्तेमाल सीएए विरोधी प्रदर्शनों और दिल्ली दंगों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। जांच में हुसैन और उनकी कंपनियों की अवैध धनशोधन में भी संलिप्तता का पता चला है।
ईडी ने 23 जून को हुसैन और उनके परिवार के सदस्यों के दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवासीय और व्यावसायिक परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें फर्जी चालान सहित आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत बरामद हुए थे, जिनका इस्तेमाल फर्जी तरीके से धन के हस्तांतरण के लिए किया गया था।इसके अलावा, वह हिंसा भड़काने की साजिश से जुड़े मामले में भी मुख्य आरोपी हैं। फरवरी 2020 में, सीएए समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें नियंत्रण से बाहर हो गईं, जिससे 53 लोग मारे गए और 748 घायल हो गए थे।
--आईएएनएस
एसजीके