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SIKAR साधनों का टाेटा, फिर भी निशुल्क यात्रा की सौगात, 130 बसें रूट से हटा दूसरे मार्ग पर चलाई

 

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! बसों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रही रोडवेज में कार्मिकों से चार से पांच घंटे ओवर टाइम लेने के बावजूद परिवहन सुविधा बेपटरी हो रही है। एक हजार बसें कंडम हो चुकी हैं। दो हजार कंडेक्टर-ड्राइवर रिटायर हो चुके हैं। नतीजा, 13 दिन में तीन प्रतियोगी परीक्षाओं के बीच प्रदेश में छोटे रूट की 130 से ज्यादा बसाें को बंद कर एग्जाम से जुड़े अतिरिक्त रूट पर चलाया गया। वहीं सीकर में नीमकाथाना, कूदन, खंडेला व दिल्ली रूट की आधा दर्जन बसों को बंद कर दूसरे रूट पर चलाया गया। इससे ग्रामीणों को परिवहन सेवा नहीं मिल रही है।मीडिया रिपेार्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि, परीक्षा आयाेजन के समय स्टाफ एवं बसाें की कमी में प्रबंधन अतिरिक्त बसाें का संचालन नहीं कर पा रहा है। ज्यादा भीड़ वाले मार्गाें पर यदि अतिरिक्त ड्यूटी लगा कर गाड़ियाें की संख्या बढ़ाई भी जाती है ताे कई दूसरे मार्गाें की बसाें काे बंद करना पड़ रहा है।

राेडवेज में संसाधन जुटाए बिना सरकार द्वारा विभिन्न भर्तियों के अभ्यर्थियों काे दी गई निशुल्क यात्रा की सौगात ने रोडवेज प्रबंधन के सिस्टम को हिला दिया है। राजस्थान राेडवेज में एक साल के दाैरान एक हजार से ज्यादा गाड़ी कंडम हाे चुकी हैं।खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि,करीब दाे हजार ड्राइवर-कंडेक्टर रिटायर हाे चुके हैं। हालात ये हैं कि सरकार द्वारा दाे साल में एक भी नई गाड़ी की खरीद नहीं हुई है। दूसरा राेडवेज में छह साल के दाैरान कर्मचारियाें की नई भर्ती भी नहीं हुई है। ऐसे ही तमाम मुद्दों काे लेकर राजस्थान राेडवेज के कर्मचारियाें द्वारा भी सरकार से लंबे समय से मांग की जा रही है।