छत्तीसगढ़ में क्यों मचा है बवाल, कब्र तोड़ी, चर्च में लगा दी आग… कांकेर में क्यों भड़की हिंसा?
छत्तीसगढ़ के कांकेर के आमबेड़ा के एक गांव में तीन दिन से विवाद चल रहा था, जिसने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया. इस हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत 25 से ज्यादा गांव वाले घायल हो गए. बताया जा रहा है कि ये विवाद गांव में शव दफनाने को लेकर शुरू हुआ था. ये मामला आमबेड़ा के ग्राम पंचायत बड़ेतेवड़ा से सामने आया है. बड़ेतेवड़ा गांव के सरपंच के पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद उनके शव को दफनाने के बाद से ये विवाद शुरू हुआ.
दरअसल, गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम सलाम के पिता की 14 दिसंबर को मौत हो गई थी. शव को कांकेर से गांव लाया गया और 15 दिसंबर को परिजन ने उनका शव अपने खेत में दफन कर दिया. इस पर गांव वालों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि धर्मांतरित व्यक्ति का शव गांव के बाहर दफनाया जाना चाहिए. आरोप यह भी लगे कि शव को चोरी-छिपे गांव में दफनाया गया और बाहर से मसीही समाज के लोग इसमें शामिल हुए थे. हालांकि, सरपंच का कहना था कि दफन प्रक्रिया में किसी भी ईसाई रीति-रिवाज का पालन नहीं किया गया.
आदिवासी और ईसाई समुदाय के बीच झड़प
इसके बाद 16 दिसंबर को कब्र को पक्का करने के लिए मठ बनाया गया, जिससे गांव वालों का गुस्सा और बढ़ गया. बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और तनावपूर्ण माहौल बन गया. इसी दौरान भीड़ ने कब्र में तोड़फोड़ शुरू कर दी और ईसाई समुदाय और आदिवासी समाज बीच झड़प हो गई. 16 दिसंबर के बाद 17 दिसंबर को हालात और बिगड़ गए. फिर दोनों पक्षों में बाहरी लोगों की एंट्री हो गई.
घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर नाकेबंदी कर दी गई. प्रशासन ने बाहरी लोगों की आमाबेड़ा और बड़ेतेवड़ा में आवाजाही पर रोक लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद आसपास के गांवों से लोग जंगल के रास्तों से पहुंच गए. हिंसा के दौरान अंतागढ़ के एएसपी आशीष बंछोर और दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अंतागढ़ रेफर किया गया है. इस दौरान पुलिस बल को तैनात किया गया. प्रशासन ने समझौते की कोशिश की, लेकिन दोपहर में विवाद हिंसक हो गया. भीड़ ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडे बरसा दिए. इस झड़प में करीब 25 लोग घायल हो गए. इनमें से 9 लोगों को कांकेर रेफर किया गया है और बाकी अस्पताल में भर्ती हैं.
चर्च में तोड़फोड़ कर आगजनी की गई
18 दिसंबर को प्रशासन की ओर से बड़ेतेवड़ा स्थित कब्र को खोदकर शव को बाहर निकाला और एंबुलेंस से इलाके से बाहर ले गया. इसके कुछ ही समय बाद उग्र भीड़ ने सरपंच के घर में बने प्रार्थना भवन पर हमला कर आग लगा दी. पुलिस के हस्तक्षेप करने पर भीड़ ने पथराव किया. इसके बाद भीड़ तीन किलोमीटर दूर आमाबेड़ा पहुंची, जहां एक चर्च में तोड़फोड़ कर आगजनी की गई. अब गांव में पुलिस बल तैनात है और अब हालात काबू में कर लिए गए हैं.