कौन है छांगुर बाबा की गर्लफ्रेंड नीतू नवीन रोहरा, जानें कैसे बनीं धर्मांतरण रैकेट की सरगना ?
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जिसका मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा बताया जा रहा है। छांगुर बाबा को लेकर यूपी प्रशासन की ओर से फूंक-फूंक कर कदम उठाए जा रहे हैं। तीसरे दिन भी उनके घर पर बुलडोजर की कार्रवाई जारी है। वहीं, यूपी पुलिस और एटीएस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच छांगुर बाबा और उसके साथियों का एक ऐसा राज सामने आ रहा है, जो चौंकाने वाला है। खासकर छांगुर बाबा की प्रेमिका नीतू नवीन रोहरा की हर तरफ चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं कि धर्मांतरण रैकेट की मास्टरमाइंड बनी नीतू नवीन रोहरा कौन है और कितनी पढ़ी-लिखी है।
70 कमरों वाली आलीशान कोठी पर चला बुलडोजर
बलरामपुर के रेहरा माफी गांव स्थित छांगुर बाबा की 70 कमरों वाली कोठी चर्चा का केंद्र बन गई है। इस दौरान यहां कई कीमती चीजें भी बरामद हुई हैं। इस दौरान 6 जर्मन शेफर्ड, एक खास नस्ल का घोड़ा भी मिला है। प्रशासन ने मंगलवार को कोठी को अवैध घोषित करते हुए 9 बुलडोजरों से कार्रवाई शुरू की, लेकिन एक दिन में केवल 20 कमरे और एक 40 फीट लंबा हॉल ही गिराया जा सका। बुधवार को भी कार्रवाई जारी रही और बाकी 40 कमरों को निशाना बनाया गया। जाँच में पता चला है कि धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क इसी कोठी से संचालित होता था। तीसरे दिन भी कोठी पर बुलडोजर की कार्रवाई जारी है।
कौन है नीतू उर्फ नसरीन, बाबा की प्रेमिका और गिरोह की अहम सदस्य
छांगुर बाबा की करीबी मानी जाने वाली नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन के बारे में भी कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। बलरामपुर के एक मध्यमवर्गीय सिंधी परिवार से ताल्लुक रखने वाली नीतू केवल सातवीं पास है। 2015 में, वह अपने पति नवीन रोहरा के साथ दुबई चली गईं, जहाँ दोनों ने इस्लाम धर्म अपना लिया। नीतू ने अपना नाम बदलकर नसरीन और अपने पति का नाम जलालुद्दीन रख लिया।
ऐसे ठगती थी लड़कियों को
कहा जाता है कि नसरीन बाबा के धर्मांतरण गिरोह में सक्रिय हो गई और छांगुर बाबा की विश्वासपात्र बन गई। वह चमत्कार और इलाज के नाम पर गरीब हिंदू परिवारों को ठगती थी। वह आर्थिक मदद और बीमारी के इलाज का वादा करके उन्हें छांगुर बाबा से मिलने के लिए फुसलाती थी और फिर उनका धर्मांतरण कराती थी।
विदेशी संबंध और संदिग्ध यात्राएँ
भारत ही नहीं, छांगुर बाबा का नेटवर्क विदेशों में भी फैला हुआ था। यूपी एटीएस की जाँच में पता चला है कि नीतू और उसके पति नवीन ने 2014 से 2019 के बीच 19 बार यूएई का दौरा किया। इन यात्राओं के दौरान धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज़ भी तैयार किए गए। हैरानी की बात यह है कि दोनों सिर्फ़ एक बार दुबई गए, लेकिन हर बार अलग-अलग लौटे। इससे उनकी गतिविधियों पर और भी शक होता है।
धर्मांतरण के लिए दिया था हलफनामा
2021 में, नवीन और नीतू ने बलरामपुर के उतरौला सिविल कोर्ट में छांगुर बाबा को अपना आध्यात्मिक गुरु मानने का हलफनामा दायर किया। इतना ही नहीं, नवीन के पूरे परिवार ने भी इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। छांगुर बाबा, नसरीन और उनके गिरोह का यह मामला न केवल अवैध धर्मांतरण का एक बड़ा उदाहरण है, बल्कि विदेशी फंडिंग और नेटवर्क के ज़रिए भारत में सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने की साज़िश की ओर भी इशारा करता है। यूपी एटीएस की जाँच अभी जारी है।