कोयला घोटाले में निलंबित IAS रानू साहू पर PWD की जांच, संपत्तियों का होगा बारीकी से निरीक्षण
निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। कोयला घोटाले में अंतरिम जमानत पर रिहा रानू साहू के खिलाफ अब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने मोर्चा संभाल लिया है। गरियाबंद जिले के तुलसी गांव स्थित उनके मकान, फार्म हाउस और दुकानों की जांच पीडब्ल्यूडी की टीम करेगी।
जानकारी के अनुसार, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से रानू साहू की सभी संपत्तियों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। अधिकारियों का कहना है कि इस जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि इन संपत्तियों का निर्माण और विस्तार कानूनी और निर्धारित नियमों के अनुरूप हुआ है या नहीं।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि तुलसी गांव में स्थित रानू साहू की संपत्तियों की पूरी जानकारी जुटाने के लिए PWD की टीम जल्द ही मौके पर जाएगी। टीम सभी निर्माणों, फार्म हाउस और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की संरचना, निर्माण सामग्री और निर्माण प्रक्रिया की बारीकी से जांच करेगी।
EOW और ACB के सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई कोयला घोटाले की जांच के तहत की जा रही है। जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रानू साहू की संपत्तियों में किसी प्रकार का अवैध निर्माण या अनियमितता नहीं हुई हो। इसके अलावा, संपत्तियों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की भी योजना बनाई जाएगी।
राजनीतिक और प्रशासनिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की जांच न केवल भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने का संदेश देती है, बल्कि अधिकारियों और आम जनता के बीच सरकारी संस्थाओं की विश्वसनीयता भी बढ़ाती है।
निलंबित IAS रानू साहू के वकील ने बताया कि उनकी मुवक्किल सहयोगी हैं और जांच में पूरा सहयोग करेंगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संपत्तियों से संबंधित कोई भी कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया और न्यायालय की मंजूरी के तहत ही की जाएगी।
गरियाबंद जिले और राज्य में यह मामला सुर्खियों में है, क्योंकि कोयला घोटाले के बाद से रानू साहू का नाम लगातार चर्चा में रहा है। अब PWD की जांच और EOW/ACB की निगरानी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की कार्रवाई कैसे होती है और क्या नए पहलुओं का खुलासा होता है।