छत्तीसगढ़ में गरमाई सियासत, मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रदेश दौरे के दौरान दिए गए बयान ने भाजपा और कांग्रेस के बीच नया राजनीतिक टकराव खड़ा कर दिया है।
खरगे ने अपने भाषण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके राष्ट्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा न केवल लोकतंत्र को कमजोर कर रही है, बल्कि गरीब, आदिवासी और किसानों के हक को भी छीनने का काम कर रही है।
🔴 खरगे का तीखा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा:
"भाजपा की केंद्र सरकार कॉर्पोरेट मित्रों के फायदे के लिए गरीबों की योजनाओं को खत्म कर रही है। देश का लोकतंत्र खतरे में है और संविधान से छेड़छाड़ हो रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने जो जनहितकारी योजनाएं शुरू की थीं, भाजपा उन्हें भी रोकने का काम कर रही है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार "एक राष्ट्र, एक नेता" की सोच को थोपना चाहती है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है।
🔵 भाजपा का पलटवार
खरगे के इन आरोपों पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा:
"कांग्रेस अपनी जमीन खो चुकी है, इसलिए अब झूठ और भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ में पारदर्शी शासन दिया है और जनहित में कई ठोस फैसले लिए हैं।"
भाजपा ने खरगे से यह भी सवाल पूछा कि वे बताएं कांग्रेस ने पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और किसानों के लिए क्या किया?
⚖️ चुनावी जमीन पर रणनीति
विशेषज्ञों के मुताबिक, खरगे का दौरा और बयानबाजी 2025 में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीतिक तैयारी का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब फिर से राज्य में जनता के मुद्दों को उभार कर भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है।
दूसरी ओर भाजपा भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में विकास और स्थिरता के मुद्दे को लेकर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।