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रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रियों की अनदेखी, आरपीएफ ने गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू ट्रेनों में चलाया औचक जांच अभियान

 

रेल यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे ने महिला और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष कोच आरक्षित किए हैं। इन कोचों का उद्देश्य संवेदनशील यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करना है। हालांकि, कुछ यात्री इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे अन्य यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

गुरुवार को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने गोंदिया-झारसुगुड़ा और झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेंजर ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए औचक जांच अभियान चलाया। इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य महिला और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित कोचों में नियमों का सही पालन सुनिश्चित करना था।

जांच के दौरान क्या मिला?

आरपीएफ अधिकारियों ने ट्रेन के विशेष कोचों का निरीक्षण किया और यात्रियों से आवश्यक निर्देशों का पालन कराने पर जोर दिया। जांच के दौरान कुछ यात्रियों को अनियमित रूप से महिला और दिव्यांग कोचों में यात्रा करते पाया गया, जिन्हें सही कोच में बैठने के लिए समझाया गया। इसके अलावा सुरक्षा उपायों की समीक्षा करते हुए, आरपीएफ ने यात्रियों से संयम और नियमों का पालन करने की अपील भी की।

रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि महिला और दिव्यांग यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए इन कोचों का सम्मान और सही उपयोग आवश्यक है। अनियंत्रित यात्रा न केवल संवेदनशील यात्रियों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि सुरक्षा में भी बाधा उत्पन्न करती है।

यात्रियों से अपील

आरपीएफ ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे रेलवे द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें और विशेष कोचों का उपयोग केवल उन्हीं द्वारा करें जिनके लिए वे आरक्षित हैं। साथ ही, सभी यात्रियों से एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग बनाए रखने की उम्मीद जताई गई।

आगे की योजना

आरपीएफ नियमित रूप से इस तरह के जांच अभियान चलाती रहेगी ताकि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके और सभी यात्रियों को सुरक्षित व आरामदायक यात्रा मिल सके। इसके अलावा रेलवे प्रशासन भी यात्रियों की जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रयास कर रहा है।