×

माओवाद प्रभावित मानपुर में संयुक्त बल की मुठभेड़: माओवादी श्रीकांत पुनेम गिरफ्तार

 

छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित मानपुर क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने बुधवार शाम एक बड़ी सफलता हासिल की। संयुक्त सुरक्षा बलों ने मदनवाड़ा क्षेत्र में माओवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक प्रमुख माओवादी नेता श्रीकांत पुनेम को गिरफ्तार किया। श्रीकांत पुनेम औंधी-मोहला संयुक्त एरिया कमेटी का कमांडर था और माओवादी गतिविधियों में उसका अहम भूमिका रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम सुरक्षा बलों को मदनवाड़ा क्षेत्र में माओवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद, एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें जिला पुलिस बल, CRPF और STF के जवान शामिल थे। जैसे ही जवानों ने माओवादी ठिकाने की घेराबंदी की, माओवादियों ने अपनी उपस्थिति का अहसास होते ही फायरिंग शुरू कर दी।

सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए माओवादी हमलावरों से मुठभेड़ शुरू की। इस मुठभेड़ के दौरान श्रीकांत पुनेम को गिरफ्तार कर लिया गया, जो औंधी-मोहला संयुक्त एरिया कमेटी का कमांडर था। पुनेम पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसमें सुरक्षा बलों पर हमले और कई अन्य माओवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीकांत पुनेम माओवादी संगठन का एक प्रमुख नेता था और कई वर्षों से पुलिस के लिए वांछित था। वह माओवादियों के नेटवर्क में एक अहम कड़ी था और उसके खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही थी। उसकी गिरफ्तारी माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।

गिरफ्तारी के बाद, पुनेम को स्थानीय पुलिस स्टेशन लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। सुरक्षा बलों को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी माओवादियों के स्थानीय नेटवर्क को तोड़ने में मदद करेगी और इलाके में माओवादियों की गतिविधियों को कम करने में कारगर साबित होगी।

इस मुठभेड़ में किसी जवान के घायल होने की कोई खबर नहीं है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने बताया कि ऑपरेशन में पूरी तरह से सतर्कता बरती गई थी और माओवादी ठिकाने को बिना किसी बड़े नुकसान के घेर लिया गया।

उपजिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि माओवादियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी और इलाके में शांति व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों की गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी।

माओवादियों के खिलाफ यह कार्रवाई इलाके में सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। सुरक्षा बलों ने इस अभियान में अपनी दक्षता और पेशेवर रवैये का परिचय दिया, जिससे माओवादियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक नई उम्मीद जगी है।