कस्टम मिलिंग और रेल नीर घोटाले में ईडी की सख्त कार्रवाई, भूपेश बघेल के करीबी होटल कारोबारी के ठिकानों पर छापा
छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग और रेल नीर घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। इसी क्रम में ईडी ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले एक होटल कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापे राजधानी रायपुर समेत कई अन्य प्रमुख स्थानों पर एक साथ मारे गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, होटल कारोबारी का नाम जांच एजेंसी की नजर में पहले से था और उसके खिलाफ कई अहम दस्तावेजी साक्ष्य ईडी को प्राप्त हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह कारोबारी भूपेश बघेल के बेहद करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है और उसकी भूमिका कस्टम मिलिंग और रेल नीर से जुड़ी संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों में पाई गई है।
ईडी की टीम ने कारोबारी के होटल, निवास और व्यवसायिक परिसरों में ताबड़तोड़ छापे मारकर दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों को जब्त किया है। सूत्रों के मुताबिक, टीम को कई अहम बैंक लेन-देन से संबंधित दस्तावेज भी हाथ लगे हैं, जिनकी बारीकी से जांच की जा रही है। इन दस्तावेजों से घोटाले में कई और लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है।
छत्तीसगढ़ में चल रही यह जांच राज्य की राजनीति में भी गर्मी का विषय बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं और उनके सहयोगियों को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
वहीं, भाजपा नेताओं ने ईडी की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा है कि राज्य में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
कस्टम मिलिंग घोटाला राज्य के खाद्य विभाग से जुड़ा है, जिसमें सरकारी चावल मिलिंग के दौरान करोड़ों रुपये के गबन की बात सामने आई थी। वहीं, रेल नीर घोटाले में कथित रूप से सरकारी बोतलबंद पानी की आपूर्ति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
ईडी की टीम आने वाले दिनों में और भी लोगों से पूछताछ कर सकती है और कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह मामला आने वाले समय में और उथल-पुथल ला सकता है।