3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन: आबकारी विभाग के 30 अफसरों को ईडी का समन
प्रदेश के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब बड़ा कदम उठाया है। ईडी ने आबकारी विभाग के 30 अधिकारियों को समन जारी किया है। इनमें विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत
गौरतलब है कि ये वही अधिकारी हैं, जिन पर पहले से ही आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने केस दर्ज किया था। इन अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी और वे फिलहाल जमानत पर हैं। लेकिन अब ईडी की कार्रवाई से उनका संकट एक बार फिर गहराता नज़र आ रहा है।
इन पदों के अफसरों को समन
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने जिन 30 अधिकारियों को समन जारी किया है, उनमें –
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एक अतिरिक्त आयुक्त (Additional Commissioner)
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पांच उपायुक्त (Deputy Commissioner)
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14 सहायक आयुक्त (Assistant Commissioner)
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सात जिला आबकारी अधिकारी (District Excise Officer)
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तीन अन्य अधिकारी
शामिल हैं। इनमें से सात अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।
क्या है शराब घोटाला?
प्रदेश में सामने आए इस शराब घोटाले की जांच काफी समय से चल रही है। आरोप है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों और शराब ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया। ईडी की प्राथमिक जांच में कई बड़े अफसरों की भूमिका सामने आई थी।
इस घोटाले में आरोप है कि अवैध वसूली और अनियमितताओं के जरिए शराब बिक्री से भारी रकम इकट्ठी की गई, जिसे हवाला और शेल कंपनियों के माध्यम से इधर-उधर किया गया।
ईडी की जांच और आगे की कार्रवाई
ईडी ने समन जारी कर इन सभी अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इनसे पूछताछ के दौरान घोटाले की नई परतें खुल सकती हैं। ईडी पहले ही इस मामले में कुछ बड़े शराब ठेकेदारों और कारोबारी नेटवर्क से पूछताछ कर चुकी है।
अधिकारियों का कहना है कि समन किए गए अफसरों से वित्तीय लेन-देन, अवैध वसूली और लाभार्थियों के बारे में सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा, उनकी व्यक्तिगत संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।
प्रदेश की सियासत में हलचल
इतने बड़े स्तर पर अधिकारियों को समन जारी होने के बाद प्रदेश की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष लगातार इस घोटाले को लेकर सरकार पर हमलावर रहा है, जबकि सत्ता पक्ष कह रहा है कि जांच एजेंसियों को अपना काम निष्पक्षता से करने दिया जाना चाहिए।