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विपक्ष के हंगामे पर CM साय का जवाब, बिजली बिल जारी रहेगी सब्सिडी, उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा भार

 

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को बिजली बिलों में बढ़ोतरी का मुद्दा सदन में जोरदार तरीके से गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शून्यकाल में बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर गंभीर चिंता जताई और स्थगन प्रस्ताव के तहत इस पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि आम जनता पहले से ही महंगाई से जूझ रही है, ऐसे में बिजली बिल बढ़ाना जनविरोधी निर्णय है।

महंत ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि किस आधार पर दरों में वृद्धि की गई है और इसका सीधा असर किस वर्ग पर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वृद्धि गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के लिए भारी पड़ रही है।

सदन में विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी बिजली दरों में वृद्धि के विरोध में आवाज बुलंद की और सरकार से तत्काल बढ़े हुए दरों को वापस लेने की मांग की। इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई।

इस पर ऊर्जा मंत्री का कहना था कि दरों में कोई मनमानी वृद्धि नहीं हुई है, यह विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों के तहत की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि गरीब और पिछड़े वर्गों को रियायतें दी गई हैं और राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि, विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और चर्चा की मांग पर अड़ा रहा। सत्र के दौरान यह मुद्दा इतना गर्माया कि सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।

गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में मामूली वृद्धि की थी, जिसे लेकर राज्यभर में जनता में नाराजगी देखी जा रही है। विपक्ष इसी मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में जुटा है और आने वाले दिनों में यह विवाद और तूल पकड़ सकता है।