नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ शासन और क्षमता विकास आयोग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर, मिशन कर्मयोगी योजना को मिलेगी गति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में मंगलवार को राजधानी के एक निजी होटल में भारत सरकार की क्षमता विकास आयोग (Capacity Building Commission) और छत्तीसगढ़ शासन के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू भारत सरकार की मिशन कर्मयोगी योजना के तहत हुआ है, जिसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाना है।
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के महानिदेशक सुब्रत साहू ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि क्षमता विकास आयोग की ओर से सदस्य सचिव श्रीमती वी. ललिता लक्ष्मी ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, “यह एमओयू छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिशन कर्मयोगी के माध्यम से राज्य के अधिकारी अब नई सोच, नवीनतम तकनीकों और आधुनिक प्रशिक्षण से लैस होकर अधिक प्रभावशाली प्रशासन दे सकेंगे।”
उन्होंने कहा कि शासन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए कर्मचारियों की क्षमता निर्माण बेहद आवश्यक है। यह पहल शासन के सभी स्तरों पर प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करेगी।
मिशन कर्मयोगी क्या है?
मिशन कर्मयोगी, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इसके तहत iGOT Karmayogi प्लेटफॉर्म के माध्यम से ई-लर्निंग, प्रशिक्षण कार्यक्रम और व्यवहारिक दक्षता बढ़ाने वाले कोर्स प्रदान किए जाते हैं।
इस एमओयू के तहत छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी, राज्य के अधिकारियों को मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों से जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभाएगी।
यह समझौता छत्तीसगढ़ में शासन व्यवस्था को अधिक कुशल, आधुनिक और जनोपयोगी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।