रायपुर में 35 साल से फर्जी दस्तावेजों पर रह रहे बांग्लादेशी दंपती गिरफ्तार, पश्चिम बंगाल में BSF ने दबोचा
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले 35 वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे एक बांग्लादेशी दंपती को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के हिली में भारत-बांग्लादेश सीमा पर उस वक्त हुई, जब यह दंपती अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की सतर्कता से दोनों को मौके पर ही दबोच लिया गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दंपती लंबे समय से रायपुर में भारतीय नागरिकों के रूप में जीवन बिता रहे थे। उन्होंने भारतीय दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक अकाउंट और यहां तक कि पहचान पत्र भी फर्जी तरीके से बनवा रखे थे। यह भी सामने आया है कि वे स्थानीय स्तर पर कई वर्षों से किराए के मकान में रह रहे थे और भारतीय नागरिकों की तरह सामान्य जीवन जी रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, यह दंपती कुछ दिनों पहले रायपुर से पश्चिम बंगाल की ओर निकला था। सीमा के पास पहुंचते ही BSF की 61वीं बटालियन के जवानों को इन पर संदेह हुआ, क्योंकि इनके पास वैध यात्रा दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में जब ये कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके तो BSF ने गहन तलाशी और पहचान पत्रों की जांच की। जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि ये दंपती बांग्लादेशी नागरिक हैं और काफी समय से भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं।
रायपुर पुलिस से संपर्क
BSF ने इस पूरे मामले की जानकारी रायपुर पुलिस को भेज दी है। रायपुर पुलिस अब इन दोनों के स्थानीय नेटवर्क, पहचान दस्तावेज बनवाने में मदद करने वालों और संभावित सुरक्षा खतरों की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर यह मामला मानव तस्करी, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों या जासूसी से जुड़ा पाया गया तो केंद्रीय एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा और फर्जी दस्तावेजों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे कोई विदेशी नागरिक 35 वर्षों तक भारत में बिना किसी बाधा के रह सकता है? उन्होंने दस्तावेज कैसे बनवाए? क्या इसमें सरकारी तंत्र की भी मिलीभगत है?
सरकार की सतर्कता जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक बांग्लादेशी दंपती का नहीं, बल्कि पूरे देश में फर्जी दस्तावेजों पर रह रहे सैकड़ों अवैध प्रवासियों के जाल की ओर इशारा करता है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने होंगे ताकि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
फिलहाल BSF की कार्रवाई के बाद दोनों को कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की जांच के लिए पुलिस को सौंप दिया गया है। मामले में विस्तृत खुलासा आने वाले दिनों में हो सकता है।