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 नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में 16 वर्षीय किशोर गंभीर रूप से घायल

 

जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के ग्राम कोण्डापडगु में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए लगाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आकर एक 16 वर्षीय नाबालिग किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दर्दनाक घटना बीते दिनों की बताई जा रही है, जब किशोर मवेशी चराने के लिए जंगल गया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, घायल किशोर की पहचान कृष्णा गोटा, पिता फकीर गोटा, निवासी ग्राम कोण्डापडगु के रूप में हुई है। कृष्णा रोज़ की तरह जंगल में मवेशियों को चराने गया था, लेकिन अचानक एक विस्फोटक उपकरण के संपर्क में आने से जोरदार धमाका हुआ। इस विस्फोट में वह बुरी तरह जख्मी हो गया।

धमाके के बाद आसपास के ग्रामीणों ने जब आवाज सुनी तो मौके पर पहुंचे और देखा कि किशोर लहूलुहान अवस्था में पड़ा है। तुरंत ही उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज जारी है।

नक्सलियों की करतूत से दहशत

बताया जा रहा है कि यह आईईडी नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जंगल में दबाकर रखा गया था। दुर्भाग्यवश इसका शिकार मासूम किशोर बन गया, जो न तो किसी अभियान से जुड़ा था और न ही उसे किसी खतरे का अंदेशा था। यह घटना एक बार फिर नक्सली हिंसा की क्रूरता और निर्दोष ग्रामीणों के जीवन पर मंडराते खतरे को उजागर करती है।

पुलिस और प्रशासन की सतर्कता

घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पूरे इलाके को घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। बीजापुर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी कई बार ग्रामीणों और मासूम बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो चुके हैं। इस क्षेत्र में पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जहां निर्दोष लोग नक्सलियों की रणनीति का शिकार बने हैं।

प्रशासन का बयान

प्रशासन ने घायल किशोर को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है। साथ ही क्षेत्र में अतिरिक्त सर्चिंग और सतर्कता बरतने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगल में मवेशी चराने या अन्य कार्यों के दौरान सतर्कता बरतें और संदिग्ध वस्तुओं की सूचना तुरंत सुरक्षाबलों को दें।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल

इस घटना के बाद से कोण्डापडगु सहित आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अब जंगल में मवेशी चराना भी जोखिम भरा हो गया है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जंगल में लगातार सर्चिंग की जाए और ऐसे विस्फोटकों को निष्क्रिय किया जाए ताकि भविष्य में किसी और निर्दोष की जान न जाए।