×

5 बच्चियों के मामा ने बहन को बेटा पैदा न होने पर किया था अपहरण, सोहाना पुलिस स्टेशन से 2 किमी दूर छिपाकर रखा

 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा चारों और दिया जाता है लेकिन बावजूद इसके लोगों की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है। लोग आज भी बेटा और बेटी में फर्क महसूस करते है। लोगों की सोच आज भी इसी लक्षमण रेखा पर रूकी हुई है कि बेटी तो “पराया धन” होता है।हाल ही में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। चंडीगढ़ के मोहाली के सेक्टर 82 से अपहरण किए हुए आयुष को पुलिस ने 16 दिन बाद खोज निकाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी अपहरणकर्ता मोहाली के कुंभरा इलाके में एक किराए के घर में रह रहे थे। इस मामले का खूलासा करते हुए पुलिस ने बताया की आरोपी शख्स की बहन के 5 लड़किया थी और इस कारण वो रोती रहती थी। इसलिए आरोपी ने अपने दोस्त को पैसे देकर आयूष का अपहरण करवाया था। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुमशुदा आयुष की खोज पुलिस आसपास के इलाके में करती रही। लेकिन आरोपी ने आयूष को बाकि बच्चों के साथ सेक्टर 69 में रखा। हालांकि पुलिस ने बच्चे का पता लगाकर बच्चे को माता पिता को सौंप दिया है। इतना ही नहीं पुलिस ने अपहरण करने वाले दो अपहरणकर्ताओं और उसकी एक बहन के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया. आरोपी मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने आयुष की दादी मंजूदेवी की शिकायत पर बाइक सवार दो युवकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 365 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया था. तीनों आरोपी कई सालों से अलग-अलग किराए के मकान में रह रहे हैं।

मोहाली पुलिस की कई टीमें पिछले 16 दिनों से बच्चे को खोजने की कोशिश कर रही थीं. अलग-अलग टीम बनाकर लोगों के कमरों में लगे कैमरों की तलाशी ली जा रही थी. फुटेज धुंधली होने के कारण न तो अपहरणकर्ताओं और न ही उनकी बाइक का पता लगाया जा रहा है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुंभरा में एक परिवार पिछले कुछ दिनों से एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुन रहा है। बच्चा दिन रात रोता है। इसके बाद पुलिस ने कुंभरा स्थित उसी घर में जाकर दबिश दी। पुलिस टीम जब घर पहुंची तो देखा कि वहां कुल 6 बच्चे थे। उनकी 5 बेटियां और एक बेटा है। पुलिस ने बच्चियों की मां से बच्चों के बारे में पूछा तो उसने कहा कि सभी बच्चे उसके हैं, लेकिन तभी पुलिस को शक हुआ. क्योंकि उनमें से एक सिर्फ 6 महीने का था और आयुष 1 साल का।