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बेतिया जीएमसीएच में शव घसीटने का वायरल वीडियो, अस्पताल व्यवस्था पर सवाल

 

बेतिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। बीते सोमवार, 11 अगस्त 2025 को अस्पताल के कुछ कर्मियों को एक व्यक्ति के शव को सीढ़ियों पर घसीटते हुए पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाते हुए देखा गया। इस दौरान मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि शव को उठाने के बजाय कर्मी उसे सीढ़ियों पर घसीटते हुए ले जा रहे हैं। अस्पताल में मौजूद लोग इस घटना को देखकर दंग रह गए। वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल की व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में इस तरह का व्यवहार मानवता और सम्मान के खिलाफ है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की गंभीरता से जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में कहा है कि शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाना उनके कर्तव्यों का हिस्सा था, लेकिन घसीटने का तरीका पूरी तरह अनुचित था। उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा कि अस्पताल में मानवता और गरिमा का सम्मान होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और अस्पताल की निगरानी कड़ी की जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक ढिलाई और कर्मचारी प्रशिक्षण की कमी को उजागर करती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पतालों में शव परिवहन के लिए विशेष उपकरण और प्रशिक्षण प्राप्त कर्मियों की व्यवस्था होनी चाहिए।

स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी आलोचना हो रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसा व्यवहार क्यों संभव हुआ, और क्या अस्पताल प्रशासन समय रहते सुधारात्मक कदम उठाएगा।

यह घटना सिर्फ बेतिया जीएमसीएच तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़ा करती है। नागरिकों का कहना है कि अस्पताल में मरीज और उनके परिजनों के लिए मानव गरिमा और सम्मान सबसे पहले होना चाहिए, लेकिन यह घटना इसके विपरीत साबित हुई है।

स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में अब किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मानवता और संवेदनशीलता के सिद्धांतों को पालन करना हर अस्पताल कर्मी का कर्तव्य है।

बेतिया जीएमसीएच की यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि अस्पतालों में प्रशासनिक सुधार, कर्मचारी प्रशिक्षण और निगरानी की अत्यंत आवश्यकता है। बिना उचित इंतजाम के ऐसे गंभीर मामलों की पुनरावृत्ति संभव है।