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सासाराम सदर अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, सांसद और चिकित्सक में नोकझोंक

 

जिले के सदर अस्पताल में रविवार को उस वक्त अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बन गया जब एसएनसीयू (विशेष नवजात देखभाल इकाई) में भर्ती एक नवजात बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जबरदस्त हंगामा किया।

इस दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा और काफी मशक्कत के बाद मामला किसी तरह शांत किया जा सका।

डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

मृत नवजात के परिजनों ने बताया कि बच्ची को सांस लेने में तकलीफ थी, जिसके बाद उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि

“डॉक्टर समय पर नहीं आए और बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती रही। यदि समय रहते इलाज मिलता, तो शायद बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।”

अस्पताल परिसर में हंगामा और तनाव

नवजात की मौत की खबर मिलते ही अस्पताल परिसर में भीड़ जुट गई। परिजनों ने डॉक्टर इम्तियाज, जो ड्यूटी पर तैनात थे, पर सीधा इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। देखते ही देखते हंगामा तेज हो गया और अस्पताल प्रशासन को पुलिस बल बुलाना पड़ा।

सांसद और डॉक्टर के बीच नोकझोंक

घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय सांसद मनोज राम अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली। इसी दौरान उनकी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर इम्तियाज से तीखी नोकझोंक हो गई। सांसद ने डॉक्टर से जवाबदेही मांगी, तो डॉक्टर ने भी कथित तौर पर तेज लहजे में जवाब दिया, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों के बीच काफी देर तक बहस होती रही, जिसे बाद में अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों ने शांत कराया।

अस्पताल प्रशासन का बयान

अस्पताल प्रबंधन ने मामले में फिलहाल जांच की बात कही है। चिकित्सा अधीक्षक ने कहा,

“घटना दुखद है। बच्ची की मौत की वजह जानने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा। डॉक्टर पर लगाए गए आरोपों की भी जांच होगी।”

राजनैतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

घटना के बाद स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कई लोगों ने कहा कि सदर अस्पताल में बार-बार इस तरह की लापरवाहियों की शिकायत मिलती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।