मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा, तेजस्वी यादव बोले - "मुझे बोलने नहीं दिया गया"
बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। बुधवार को पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिसके चलते सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और अंततः स्थगित करनी पड़ी। सत्र के दौरान जहां सत्ता पक्ष की ओर से सरकार के कामकाज को लेकर प्रशंसा हुई, वहीं विपक्ष ने सरकार पर तीखे सवाल दागे।
सदन में आज भी महंगाई, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बहस की कोशिश हुई, लेकिन शोर-शराबे और आरोप-प्रत्यारोप के चलते कोई ठोस चर्चा नहीं हो सकी। विपक्षी दलों ने सरकार पर जनहित के मुद्दों से भागने का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर सत्र को जानबूझकर बाधित करने का आरोप लगाया।
सदन के स्थगित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
"मैं विधानसभा में जनता की आवाज उठाना चाहता था, लेकिन मुझे बोलने ही नहीं दिया गया। ये लोकतंत्र की हत्या है। सरकार हमारे सवालों से डरती है और इसलिए हमारी बात दबाने की कोशिश की जा रही है।"
तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार जवाबदेही से बच रही है। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और कहा कि सरकार जमीनी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सदन में अव्यवस्था पैदा कर रही है।
उधर, सत्तापक्ष के नेताओं का कहना है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है और हर मुद्दे को बेवजह तूल देकर सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन विपक्ष खुद बहस से भाग रहा है।
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र अब तक हंगामेदार ही रहा है और जनता की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि क्या आगे चलकर कोई सार्थक चर्चा हो सकेगी या फिर यह सत्र भी सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ जाएगा।
आगामी सत्रों में क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अभी तक विधानसभा में जो दृश्य देखने को मिल रहे हैं, वे आम जनता के हितों के बजाय राजनीतिक द्वंद्व का अधिक प्रतीक नजर आते हैं।