केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का लालू और तेजस्वी यादव पर तीखा हमला, बोलें-'RJD कोई लोकतांत्रिक पार्टी नहीं, बल्कि...'
बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और उसके नेतृत्व पर तीखा हमला बोला है।
गिरिराज सिंह गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद एक लोकतांत्रिक पार्टी नहीं, बल्कि एक पारिवारिक कंपनी है। उन्होंने कहा, "राजद एक टाटा-बिड़ला जैसी कंपनी बन गई है, जहाँ एमडी और सीएमडी सिर्फ़ परिवार के सदस्य हैं। लालू यादव पार्टी के सीएमडी हैं और तेजस्वी यादव इसके कार्यकारी एमडी।" उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी और कई रिश्तेदार पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि राजद पूरी तरह से परिवार के इशारे पर चलने वाली पार्टी है।
लालू यादव ने बिहार को 'चरवाहा विद्यालय' बना दिया - गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव द्वारा बिहार को स्कॉटलैंड बनाने की बात का भी मज़ाक उड़ाया और कहा कि लालू यादव ने पहले बिहार को 'चरवाहा विद्यालय' बनाया था और अब तेजस्वी स्कॉटलैंड बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि अब बिहार के हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और आईआईटी जैसे संस्थान खुल रहे हैं, जिससे राज्य का विकास हो रहा है। गिरिराज ने कहा कि जनता अब दंगाइयों को नकार चुकी है, जो सिर्फ़ ग़रीबों के नाम पर राजनीति करते हैं।
गिरिराज सिंह ने बिहार बंद पर भी हमला बोला
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष ने बुधवार को बिहार बंद बुलाया था। इस पर भी भाजपा ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने बंद को पूरी तरह विफल बताया और कहा कि राजद और कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल सिर्फ़ बिहार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेता सड़कों पर उतरकर स्कूल बसें, एम्बुलेंस और ट्रेनें रोक रहे हैं। कई जगहों पर आगजनी जैसी घटनाएं हुईं, जिससे आम जनता को परेशानी हुई। उन्होंने कहा कि विपक्ष को चुनाव में हार का डर सता रहा है, इसलिए वे चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।