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गांधी परिवार के प्रपौत्र तुषार गांधी को कार्यक्रम से निकाला, मुखिया ने नीतीश कुमार की आलोचना पर जताई आपत्ति

 

बिहार के मोतिहारी जिले में सोमवार को एक अजीब और राजनीतिक रूप से संवेदनशील घटना सामने आई, जब महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी को एक सार्वजनिक कार्यक्रम से निकाल दिया गया। यह घटना तुरकौलिया गांव की है, जहां तुषार गांधी एक सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

कार्यक्रम में तुषार गांधी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना किए जाने के बाद गांव के मुखिया ने आपत्ति जताई और उन्हें मंच छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

क्या है मामला?

तुषार गांधी, जो सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक के रूप में भी पहचाने जाते हैं, पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया गांव में महात्मा गांधी की चंपारण सत्याग्रह यात्रा से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों की आलोचना की। तुषार ने कहा कि

“बिहार में सत्ता के नाम पर सिर्फ समझौता हो रहा है, गांधी के नाम पर राजनीति तो हो रही है, लेकिन उनके आदर्शों का पालन नहीं हो रहा।”

यही बात गांव के मुखिया को नागवार गुज़री।

मुखिया का विरोध और तुषार गांधी को बाहर निकालने की घटना

गांव के मुखिया, जिनकी पहचान स्थानीय भाजपा समर्थक के तौर पर हो रही है, ने मंच पर चढ़कर खुलकर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि:

“यह पीएम मोदी और नीतीश कुमार की सरकार है, जो विकास कर रही है। हम अपने गांव में किसी को नीतीश कुमार या पीएम मोदी की आलोचना नहीं करने देंगे।”

इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया और तुषार गांधी को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा

राजनीतिक प्रतिक्रिया

घटना के बाद विपक्षी दलों ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह बिहार की लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर हमला है। राजद और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब गांधी के वंशज को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं मिल रही, तो आम आदमी की स्थिति क्या होगी?