गया-कोडरमा रेलखंड में चट्टान गिरने से बाधित हुई रेल सेवा, यात्री परेशान
बिहार के गया-कोडरमा रेल खंड में गुरपा-गझंडी घाटी सेक्शन के बीच रविवार रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। भारी वर्षा के चलते यदुग्राम और बसकटवा हॉल्ट के बीच रात करीब 10:40 बजे डाउन लाइन पर चट्टान सहित पहाड़ का मलवा खिसक कर रेलवे ट्रैक पर आ गिरा। इस घटना के बाद रेल यातायात प्रभावित हो गया और ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोकना पड़ा, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते पहाड़ की चट्टानों में दरारें आ गई थीं। रविवार रात को भारी बारिश के बीच चट्टान का एक बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर डाउन लाइन पर आ गिरा। गनीमत यह रही कि उस समय कोई ट्रेन गुजर नहीं रही थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
जैसे ही इस घटना की सूचना रेलवे नियंत्रण कक्ष को मिली, राहत और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया। भारी मशीनरी के साथ रेलवे की तकनीकी टीम और कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे और मलबा हटाने का काम शुरू किया। इस दौरान कई ट्रेनें जैसे कि रांची-पटना इंटरसिटी, हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस और गया-धनबाद पैसेंजर को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया।
पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के अधिकारियों ने बताया कि डाउन लाइन को फिलहाल ब्लॉक कर दिया गया है और ट्रेनों का संचालन केवल अप लाइन से हो रहा है। उन्होंने कहा कि मलबा हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और जल्द ही ट्रैक को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है। रेलवे की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रैक की सुरक्षा जांच भी शुरू कर दी है ताकि किसी तरह की तकनीकी खामी से बचा जा सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गुरपा-गझंडी घाटी रेल सेक्शन एक संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्र है, जहां मानसून के दौरान अक्सर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। लोगों ने रेलवे से मांग की है कि भविष्य में ऐसे संभावित भूस्खलनों से बचने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए और चट्टानों को व्यवस्थित तरीके से काटकर सुरक्षा दीवारें बनाई जाएं।
घटना के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल रहा, विशेषकर उन लोगों के लिए जो रात्रि की ट्रेनों में सफर कर रहे थे। हालांकि, किसी तरह की जनहानि या ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना नहीं है, जो राहत की बात है।
रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपने गंतव्य से संबंधित ट्रेनों की स्थिति की जानकारी रेलवे की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर से प्राप्त कर लें। साथ ही यह भी कहा गया है कि जल्द ही डाउन लाइन पर ट्रेनों का संचालन सामान्य कर दिया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि मानसून के मौसम में पहाड़ी रेलखंडों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।