×

उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन को दी मंजूरी, हर साल लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट बैठक में एक अहम निर्णय लिया और ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन को मंजूरी दे दी। इस मिशन का उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में, बल्कि विदेशों में भी नौकरी के अवसर प्रदान करना है। मिशन के गठन के बाद, हर वर्ष एक लाख युवाओं को देश में और 30 हजार युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

रोजगार के अवसरों में होगा इजाफा

इस मिशन के माध्यम से राज्य सरकार युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खोलेगी, जो कि उनके करियर के लिए एक नया दिशा तय करेगा। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि, “अब तक सेवायोजन विभाग केवल रोजगार मेलों और सेवायोजकों के माध्यम से युवाओं को नौकरी के अवसर उपलब्ध कराता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन के साथ हम **देश और विदेश दोनों स्तरों पर युवाओं को सीधे रोजगार दिला सकेंगे।"

मिशन का उद्देश्य और कार्यप्रणाली

उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का मुख्य उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को सीधी नौकरी दिलाने के अवसर उपलब्ध कराना है। इसमें:

  1. देश भर में रोजगार: हर साल एक लाख युवाओं को राज्य सरकार के माध्यम से विभिन्न उद्योगों और कंपनियों में नौकरी दिलाई जाएगी।

  2. विदेशों में रोजगार: मिशन के तहत 30,000 युवाओं को विदेशों में नौकरी के अवसर मिलेंगे। यह कदम खास तौर पर नौकरी के अवसरों की बढ़ती मांग वाले देशों में युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा।

  3. मूल्यांकन और मार्गदर्शन: मिशन के तहत युवाओं को नौकरी के लिए प्रशिक्षण, कौशल विकास और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, ताकि वे आवश्यक मानकों को पूरा कर सकें।

श्रम मंत्री का बयान

मंत्री अनिल राजभर ने इस मिशन को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि यह युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि कौशल विकास और शिक्षा के साथ-साथ नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

भविष्य के लक्ष्य

उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन को राज्य सरकार के नीति निर्धारण और कार्य योजना के तहत तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। इसका लक्ष्य न केवल युवाओं को रोजगार से जोड़ना है, बल्कि उनकी सशक्तिकरण की दिशा में भी काम करना है। इसके लिए विभिन्न श्रमिक संघों, संगठनों और उद्योगपतियों के साथ संवाद किया जाएगा।