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केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, बिहार के 74 लाख किसानों को मिलेगा फायदा, रजिस्ट्री नहीं कराने वाले किसानों को भी मिलेगा 20 किस्तों में लाभ

 

चुनावी साल में केंद्र सरकार ने बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब, फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराने वाले किसानों को भी 20 किस्तों में लाभ मिलेगा। इससे बिहार के 74 लाख किसानों को लाभ होगा, जबकि अब तक केवल चार लाख किसानों ने ही फार्मर रजिस्ट्री कराई थी। केंद्र सरकार के इस फैसले से 70 लाख ऐसे किसान भी राहत महसूस करेंगे जिन्होंने रजिस्ट्री नहीं करवाई थी।

किसानों को मिलेंगी 20 किस्तें
केंद्र सरकार ने इस बार की कृषि योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे उन किसानों को भी लाभ मिलेगा जिन्होंने अभी तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाई। इससे उन्हें 20 किस्तों में उनकी लाभ राशि मिल सकेगी। यह फैसला किसानों के लिए राहत की सांस के समान है, खासकर उन किसानों के लिए जो किसी कारणवश रजिस्ट्री नहीं करवा पाए थे।

बिहार में किसानों की स्थिति
बिहार में खेती पर आधारित अर्थव्यवस्था काफी महत्वपूर्ण है, और यहां के किसानों की संख्या देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। हालांकि, हर किसान के पास रजिस्ट्री कराने का अवसर नहीं होता, जिसके कारण कई किसान सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते थे। अब केंद्र सरकार का यह कदम बिहार के उन किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा जो कृषि योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।

फार्मर रजिस्ट्री के फायदे
फार्मर रजिस्ट्री किसानों के लिए एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसके तहत वे कृषि योजनाओं, सब्सिडी, ऋण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करते हैं। अब तक केवल चार लाख किसानों ने ही रजिस्ट्री कराई थी, लेकिन अब रजिस्ट्री न कराने वाले किसानों को भी यह लाभ मिलेगा। यह कदम सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल है।

केंद्र सरकार का बयान
केंद्र सरकार ने इस फैसले को बिहार के किसानों के लिए बहुत अहम बताया है। सरकार का कहना है कि इस फैसले से राज्य के किसानों को आर्थिक मदद मिल सकेगी और उनकी कृषि क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। इससे कृषि संकट को भी कम किया जा सकेगा और किसानों को संकट के वक्त तुरंत वित्तीय मदद मिल सकेगी।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
बिहार के कृषि मंत्री ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम राज्य के किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले को कृषि सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। वहीं, विपक्ष ने भी इस फैसले की सराहना की है, लेकिन उन्होंने इसे राजनीतिक ऐलान भी बताया है, क्योंकि चुनावी साल में इस प्रकार के फैसले किसान वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए किए जाते हैं।