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B.R.A. बिहार विश्वविद्यालय में “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना” के नाम पर बिचौलियों का सक्रिय रहश, विश्वविद्यालय ने छात्राओं को किया सतर्क

 

B.R.A. बिहार विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के नाम पर कुछ बिचौलियों द्वारा छात्राओं और उनके अभिभावकों को फोन कर ठगी के प्रयास किये जाने की सूचना मिली है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बात की पुष्टि करते हुए सार्वजनिक नोटिस जारी कर सबको सतर्क रहने की सलाह दी है। Jagran+1

🕵️ समस्या क्या है?

विश्वविद्यालय के अनुसार, कुछ संदिग्ध लोग छात्राओं या उनके माता-पिता से संपर्क कर योजना के तहत लाभ दिलाने के नाम पर झांसे में लेने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें आवेदन के लिए पैसे या किसी प्रकार की जानकारी देने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन, अधिकारी स्पष्ट करते हैं कि —

  • प्रोसेस में पैसा या किसी प्रकार की “दलाली राशि” देना कतई नहीं है।

  • यदि पोर्टल खोला जाएगा, तो सूचना केवल कॉलेज या विश्वविद्यालय की आधिकारिक चैनल से मिलेगी; किसी बिचौलिए का कोई आधिकारिक दायित्व नहीं है। Jagran+1

📄 विश्वविद्यालय का कार्रवाई

  • DSW कार्यालय द्वारा कॉलेज परिसर में नोटिस चिपकाया गया है — जिसमें छात्राओं से अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी बिचौलिए के झांसे में न आएँ। Jagran+1

  • उन्होंने साफ किया कि योजना से जुड़ी सभी जानकारी, आवेदन-पोर्टल, विवरण आदि सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट या कॉलेज के माध्यम से साझा की जाएँगी, निजी फोन कॉल, मैसेज या अवांछित संपर्क को अनदेखा करें। Jagran+1

⚠️ पेंडिंग आवेदन व वास्तविक स्थिति

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के मुताबिक, स्नातक सत्र 2021-24 तक की कई छात्राओं का डेटा योजना के नए पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। फिर भी, कुछ छात्राओं के आवेदन पेंडिंग दिखाए जा रहे हैं — आमतौर पर मार्कशीट, शैक्षणिक रिकॉर्ड या अन्य दस्तावेजों में त्रुटि के कारण। ऐसे में यह जरूरी है कि छात्राएँ अपने कॉलेज/विभाग से ही जानकारी लें, किसी बिचौलिए से नहीं। Prabhat Khabar+2BBA Bihar University+2

👨‍👩‍👧 अभिभावकों व छात्राओं के लिए सुझाव

  • किसी भी फोन कॉल, मैसेज या फोन वॉइस नोट कॉल पर तत्काल भरोसा न करें — पहले कॉलेज या विश्वविद्यालय से आधिकारिक पुष्टि करें।

  • यदि किसी बिचौलिए ने पैसे देने या सुविधाएँ दिलाने का झांसा दिया हो — उस व्यक्ति से पूरी दूरी बनाएं।

  • योजना से संबंधित जानकारी, आवेदनों आदि के लिए सिर्फ आधिकारिक पोर्टल या कॉलेज-विभाग के माध्यम का इस्तेमाल करें।

  • किसी प्रकार की संदेहास्पद गतिविधि पर विश्वविद्यालय या पुलिस को तुरंत सूचित करें।