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मतदाता सूची पर 'सूत्र-मूत्र' बयान को लेकर तेजस्वी यादव ने फिर दोहराया रुख, कहा- अब भी अपने शब्दों पर कायम हूं

 

बिहार की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान पर टिप्पणी करते हुए "सूत्र को मूत्र" कह दिया। उनके इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, लेकिन तेजस्वी ने सोमवार को साफ कर दिया कि वह अपने बयान पर अब भी कायम हैं।

क्या कहा था तेजस्वी यादव ने?

रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम दर्ज होने के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग और सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा:

"नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों के नाम दर्ज हैं, ये किस आधार पर कह रहे हैं? इसके क्या सबूत हैं? सिर्फ सूत्रों के हवाले से इतनी बड़ी बात कहना गलत है। हम ऐसे 'सूत्र' को मूत्र समझते हैं।"

उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और सत्ता पक्ष समेत कई नेताओं ने इसे अशोभनीय और असंवेदनशील करार दिया।

सोमवार को फिर दोहराया बयान

आज, सोमवार को तेजस्वी यादव ने अपने बयान को लेकर कोई पछतावा न होने की बात दोहराई। उन्होंने स्पष्ट किया:

"मैंने जो कहा, उस पर आज भी कायम हूं। लोकतंत्र में सबूतों के आधार पर बात होनी चाहिए, न कि 'सूत्रों' के नाम पर जनता को गुमराह किया जाए।"

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें सूचना के स्रोत का दुरुपयोग कर रही हैं और संवेदनशील मुद्दों को जानबूझकर 'लीक' करवा रही हैं ताकि माहौल को सांप्रदायिक रंग दिया जा सके।

विपक्ष ने दिया साथ, सत्ता पक्ष ने घेरा

जहां राजद समर्थकों और कुछ विपक्षी नेताओं ने तेजस्वी की स्पष्टवादिता की सराहना की, वहीं भाजपा और जेडीयू नेताओं ने इसे अभद्र भाषा का प्रयोग बताते हुए आड़े हाथों लिया।

भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा:

"तेजस्वी यादव का यह बयान उनके मानसिक स्तर को दर्शाता है। उन्हें सार्वजनिक मंच पर शालीन भाषा का प्रयोग करना चाहिए।"

मतदाता सूची पर गंभीर बहस

इस पूरे घटनाक्रम के बीच, असली मुद्दा – यानी मतदाता सूची की पारदर्शिता और निष्पक्षता – भी चर्चा में बना हुआ है। तेजस्वी ने मांग की कि चुनाव आयोग इस मामले पर खुद सामने आकर स्पष्टीकरण दे और किसी भी नागरिक के नाम को धार्मिक या राष्ट्रीयता के आधार पर जोड़ने या हटाने से पहले ठोस प्रमाण रखे।