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पटना में भाजपा नेता की हत्या पर तेज प्रताप यादव का बयान, बोले— सरकार एक्शन में, केवल बिहार में नहीं हो रहीं हत्याएं

 

पटना में भाजपा नेता की हत्या के बाद राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेज प्रताप यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हत्याएं सिर्फ बिहार में ही नहीं हो रही हैं, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार सरकार पूरी तरह एक्शन में है और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर है।

तेज प्रताप यादव ने कहा कि किसी एक घटना के आधार पर पूरे राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना उचित नहीं है। उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस लगातार काम कर रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उनके मुताबिक, सरकार की मंशा साफ है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

राजद नेता ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था को लेकर राजनीति करना गलत है। उन्होंने कहा कि बिहार में पुलिस और प्रशासन को पूरी छूट दी गई है, ताकि वे अपराध पर नियंत्रण कर सकें। तेज प्रताप यादव ने यह भी माना कि कभी-कभी व्यवस्था पर दबाव बढ़ जाता है, लेकिन सरकार हालात को संभालने में सक्षम है।

उन्होंने आगे कहा कि अपराध एक सामाजिक समस्या है और इसे पूरी तरह खत्म करने में समय लगता है। इसके बावजूद सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे। तेज प्रताप यादव ने भरोसा दिलाया कि पटना में भाजपा नेता की हत्या के मामले में भी निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

भाजपा नेता की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार को घेरते हुए कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा का आरोप है कि बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि विपक्ष इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार संवेदनशील मामलों को गंभीरता से लेती है और त्वरित कार्रवाई करती है। आम जनता की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

फिलहाल, पुलिस इस हत्या की जांच में जुटी हुई है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। इस बीच तेज प्रताप यादव का बयान सामने आने के बाद सियासी बयानबाजी और तेज हो गई है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा बिहार की राजनीति में और गरमाने की संभावना जताई जा रही है।