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भाई वीरेंद्र मामले पर तेज प्रताप यादव की तीखी प्रतिक्रिया, कहा – "मेरे खिलाफ हुई कार्रवाई की तरह हो भाई साहब पर भी कार्रवाई"

 

बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। पंचायत सचिव संदीप कुमार और आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के बीच हुई कथित विवादित बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद अब इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है।

तेज प्रताप यादव ने सोमवार, 28 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा कर इस पूरे प्रकरण पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी नेतृत्व और संगठन की ओर इशारा करते हुए कहा कि, "जैसे मेरे खिलाफ कार्रवाई हुई थी, वैसे ही भाई साहब (विधायक भाई वीरेंद्र) के खिलाफ भी निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए। नियम सबके लिए समान होने चाहिए।"

तेज प्रताप का यह बयान राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ विधायक के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कार्रवाई की मांग की है। इससे यह भी संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और नेतृत्व पर एक समान मापदंड लागू करने का दबाव बन रहा है।

क्या है मामला?

हाल ही में आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव संदीप कुमार के बीच की कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। ऑडियो में कथित तौर पर दबाव, बदसलूकी और अवैध हस्तक्षेप जैसी बातें सामने आई हैं। इस ऑडियो के सामने आने के बाद बेतिया स्थित पंचायत सचिव के गांव में भी भारी आक्रोश देखने को मिला और ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से विरोध जताया।

तेज प्रताप की नाराजगी क्यों अहम है?

तेज प्रताप यादव पहले भी कई बार पार्टी के अंदर अपनी अनदेखी और भेदभाव का मुद्दा उठाते रहे हैं। अब इस बयान को उनके भीतर पल रहे असंतोष की एक और कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में यह भी इशारा किया कि पार्टी में कुछ नेताओं को ‘विशेष छूट’ मिलती है, जबकि कुछ को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।

पार्टी पर दबाव बढ़ा

तेज प्रताप की इस टिप्पणी के बाद आरजेडी नेतृत्व पर कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ गया है। हालांकि अभी तक न तो पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और न ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान आया है।

अब देखना होगा कि आरजेडी इस मसले पर क्या रुख अपनाती है – क्या भाई वीरेंद्र के खिलाफ भी वैसी ही कार्रवाई होगी, जैसी तेज प्रताप यादव के खिलाफ की गई थी, या मामला दबा दिया जाएगा। फिलहाल तेज प्रताप का यह तीखा ट्वीट पार्टी के भीतर और राज्य की सियासत में बहस का नया मुद्दा बन गया है।

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