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नालंदा में ताबड़तोड़ फायरिंग से दहशत, किशोर-किशोरी की गोली लगने से मौत

 

बिहार के नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत डुमरावां गांव का पासवान टोला रविवार रात (06 जुलाई, 2025) गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। मामूली विवाद के बाद हुई अंधाधुंध फायरिंग में दो मासूम जिंदगियां खत्म हो गईं। इस सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को दहशत के साये में ला खड़ा किया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोली लगने से 15 वर्षीय अन्नु कुमारी, जो डुमरावां गांव निवासी ओमप्रकाश पासवान की पुत्री थी, और 16 वर्षीय हिमांशु कुमार, संतोष पासवान का पुत्र, गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

विवाद ने ली दो जिंदगियां

प्रारंभिक जांच के अनुसार, गांव में किसी पुरानी रंजिश या आपसी विवाद को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई थी, जो अचानक हिंसक रूप ले बैठी। आरोप है कि एक पक्ष ने गुस्से में आकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। दुर्भाग्यवश, अन्नु और हिमांशु इस गोलीबारी की चपेट में आ गए।

ग्रामीणों में आक्रोश, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

घटना के बाद पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस की गश्त व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि समय पर पुलिस की कार्रवाई होती तो इस त्रासदी से बचा जा सकता था। ग्रामीणों ने देर रात तक विरोध प्रदर्शन कर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

पुलिस की कार्रवाई शुरू, आरोपियों की तलाश

दीपनगर थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और घटना में शामिल संदिग्धों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

शोक में डूबा गांव

डुमरावां गांव में दो किशोरों की असामयिक मौत से मातम पसरा हुआ है। स्कूल जाने की उम्र में दो युवाओं की इस तरह की दर्दनाक मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है। ग्रामीणों की मानें तो दोनों होनहार और मिलनसार स्वभाव के थे, जिनकी मौत ने पूरे समुदाय को गहरा सदमा पहुंचाया है।

प्रशासन पर दबाव

अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई कर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाती है और क्या पीड़ित परिवारों को न्याय मिल पाता है। वहीं, जिला प्रशासन पर भी अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है।