पटना में छात्र को गोली मारने की घटना से सनसनी, कानून-व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार देर शाम एक बार फिर आपराधिक घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। बिहार वेटरिनरी कॉलेज के एक छात्र मयंक को कुछ असामाजिक तत्वों ने गोली मार दी, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। घायल छात्र को तत्काल इलाज के लिए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। इस वारदात ने न केवल स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया, बल्कि एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के बाद छात्रों में भारी आक्रोश देखने को मिला। वेटरिनरी कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज परिसर में प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। छात्रों का कहना है कि राज्य की राजधानी में भी अगर छात्र सुरक्षित नहीं हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति का अंदाज़ा लगाना कठिन नहीं है।
वहीं, विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने कहा कि बिहार में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में "जंगलराज" की वापसी हो चुकी है और यह घटना उसी का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि अब पटना जैसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में भी छात्र गोली का शिकार हो रहे हैं, यह बेहद चिंताजनक है।
बिहार में पिछले कुछ महीनों से आपराधिक घटनाओं में वृद्धि देखने को मिल रही है। हत्या, लूट, अपहरण और गोलीबारी की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं, जिससे आम नागरिकों के मन में भय का माहौल बन गया है। हाल ही में कई जिलों में पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और निलंबन की घटनाएं भी हुई हैं, जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासनिक ढांचे में भी कहीं न कहीं गंभीर खामियां हैं।
वहीं, पटना पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर अपराधियों की पहचान की जा रही है।
फिलहाल छात्र मयंक के परिजनों और दोस्तों का रो-रोकर बुरा हाल है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मयंक की हालत स्थिर है, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या बिहार में आम नागरिक सुरक्षित हैं? और क्या सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में सक्षम है?