सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के लिए राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंगलवार को सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (एईआरओ) के लिए राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी विधानसभा चुनाव में वोटरों की पहचान और चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया, वोटर लिस्टिंग, आधार से जुड़ी तकनीकी जानकारी और चुनाव से जुड़ी नई व्यवस्था के बारे में अपडेट करना है। यह कार्यक्रम आगामी विधानसभा चुनावों में निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निर्बाध चुनाव संचालन सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम साबित होगा।
कार्यक्रम की शुरुआत राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने की, जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों से आए एईआरओ और निर्वाचन विभाग के कर्मचारी शामिल हुए। इस मौके पर अधिकारियों ने प्रशिक्षण में वोटर लिस्टिंग के सही तरीके, चुनाव सामग्री का सही उपयोग, पोलिंग बूथ पर प्रभावी निगरानी और नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
प्रशिक्षण के प्रमुख उद्देश्य
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वोटर लिस्ट की सहीता और अपडेट:
सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को विशेष रूप से वोटर लिस्ट में सुधार करने की प्रक्रिया, नई सदस्यता की प्रक्रिया और मृतकों के नाम को हटाने के तरीके के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। -
चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता:
निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव सामग्री की सही तरीके से जांच और वितरण की पद्धतियों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। -
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल:
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और Voter Verified Paper Audit Trail (VVPAT) का उपयोग और इनकी सुरक्षा के उपायों को लेकर भी प्रशिक्षण होगा। -
मतदाता जागरूकता:
आगामी चुनाव में अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने और चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मतदाता जागरूकता अभियान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चुनाव अधिकारियों के कौशल को अपग्रेड करने और उनके बीच समन्वय बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर है। सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों में मतदाता पंजीकरण और चुनाव संबंधी कार्यों को सही तरीके से पूरा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसलिए उनका सही तरीके से प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है।
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए सम्पूर्ण चुनावी प्रक्रिया को डिजिटल तरीके से और अधिक सरल एवं तेज़ किया जाएगा। इसके साथ ही मतदाता पहचान पत्रों की भी नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि कोई भी मतदाता चुनाव से वंचित न रह जाए।