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'मौत का धुआं' नवादा में अलाव का धुआं बना जानलेवा, नाना और नाती की मौत

 

घरेलू हादसे का एक और दुखद मामला सामने आया है, जहां अलाव के धुएं ने नाना और नाती की जान ले ली। यह घटना ऐसे समय में आई है जब हाल ही में छपरा में भी अलाव के धुएं से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की खबर आई थी।

जानकारी के अनुसार, नवादा के इस परिवार ने सर्दियों में गर्मी पाने के लिए अलाव जलाया था। लेकिन इसी दौरान धुएं के अधिक सघन होने और उचित वेंटिलेशन न होने के कारण दोनों लोग दम घुटने से मौत के घाट उतर गए।

स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर शवों को बाहर निकाला गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई। अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि हादसा अनजाने में अलाव के धुएं से हुआ

विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में अलाव या हीटर का उपयोग करते समय सुरक्षा और वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखना चाहिए। बिना उचित वेंटिलेशन के अलाव या चूल्हे का धुआं कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी घातक गैस छोड़ सकता है, जो छोटी अवधि में ही जानलेवा साबित हो सकती है।

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के लिए चेतावनी का काम किया है। पुलिस और अग्निशमन विभाग ने जनता से अपील की है कि घर में अलाव जलाते समय हमेशा खिड़कियां और वेंट खुले रखें, और बच्चों या बुजुर्गों को अलाव के पास अकेले न छोड़ें।

हाल ही में छपरा में हुए हादसे और नवादा की घटना ने यह दिखाया है कि सर्दियों में घरेलू अलाव और हीटर सुरक्षा को नजरअंदाज करना कितना घातक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग सर्दी में हीटिंग के सुरक्षित साधनों का उपयोग करें और घर में धुएं का रिसाव सुनिश्चित करने के लिए नियमित जाँच करें।

स्थानीय प्रशासन ने कहा कि नवादा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा अभियान और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके। इसके अलावा, लोगों को अलाव और हीटर से संबंधित आपातकालीन उपायों की जानकारी दी जाएगी।

घरेलू सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के हादसे अधिकांशतः लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी के कारण होते हैं। नवादा और छपरा की घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि सर्दियों में अलाव और हीटर का सुरक्षित उपयोग आवश्यक है, ताकि परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित रहें।