हरनौत नगर पंचायत में मोबाइल जमा कराने के आदेश पर विवाद, सफाईकर्मी हड़ताल पर
जिले के हरनौत नगर पंचायत में शुक्रवार को एक अप्रत्याशित निर्णय ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। सफाईकर्मियों से मोबाइल जमा कराने के सुपरवाइजर के निर्देश पर विवाद इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट और सामूहिक हड़ताल तक जा पहुंचा।
सूत्रों के अनुसार, सुपरवाइजर ने शुक्रवार सुबह सभी सफाईकर्मियों को आदेश दिया कि वे काम पर आने से पहले अपने मोबाइल जमा कर दें। इस आदेश का कर्मचारियों ने कड़ा विरोध किया और इसे उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। विरोध करने पर कथित तौर पर कुछ सफाईकर्मियों के साथ मारपीट की गई।
क्या है मामला?
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सफाईकर्मियों का कहना है कि मोबाइल उनका निजी उपकरण है और उसे जमा करवाना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह उनकी गरिमा के खिलाफ भी है।
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मारपीट के बाद दर्जनों कर्मियों ने काम छोड़ हड़ताल कर दी, जिससे नगर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई।
प्रभाव:
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हरनौत नगर पंचायत क्षेत्र में सड़कों पर कचरा फैलने लगा है और बदबू से लोग परेशान हैं।
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स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है और वे नगर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
नगर कार्यपालक पदाधिकारी ने मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। वहीं, सफाईकर्मियों ने चेतावनी दी है कि जब तक मारपीट करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
सवाल उठते हैं:
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क्या कर्मचारियों से मोबाइल जमा कराना उचित है?
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क्या कर्मचारियों के विरोध पर मारपीट करना स्वीकार्य है?
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क्या नगर पंचायत प्रशासन कर्मचारियों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा कर रहा है?
इस घटना ने साफ कर दिया है कि श्रमिकों के साथ संवाद और सम्मान जरूरी है, वरना प्रशासनिक आदेश भी विवाद में बदल सकते हैं।