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तेज प्रताप यादव ने किया बड़ा ऐलान, महुआ से निर्दलीय लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

 

बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निष्कासित किए जा चुके पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे।

शनिवार शाम को पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तेज प्रताप ने कहा कि अब समय आ गया है कि वे अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं, बल्कि जनता के समर्थन और आशीर्वाद से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।

तेज प्रताप यादव ने कहा, “मैंने जनता की सेवा करने का वचन दिया था, और आज भी उस संकल्प पर अडिग हूं। RJD से बाहर किए जाने के बाद भी मेरा जनसेवा का संकल्प कमजोर नहीं हुआ है। महुआ मेरी कर्मभूमि रही है और यहां के लोगों का मुझ पर हमेशा से विश्वास रहा है।”

महुआ सीट से तेज प्रताप पहले भी 2015 में जीत हासिल कर चुके हैं और नीतीश कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के भीतर उनकी सक्रियता कम हो गई थी और कई मुद्दों पर उनके बयानों ने RJD नेतृत्व को असहज कर दिया था। हाल ही में उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इस मौके पर तेज प्रताप यादव ने यह भी कहा कि वे किसी पार्टी विशेष से नाराज नहीं हैं, बल्कि उन्हें अपनी राह खुद तय करनी है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पार्टी के अंदर उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया और कई बार उनके सुझावों को अनसुना किया गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम महागठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। महुआ सीट पर RJD पहले ही मजबूत पकड़ रखती आई है, लेकिन तेज प्रताप के निर्दलीय मैदान में उतरने से वहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन सकती है।

तेज प्रताप ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे जाति, धर्म और पार्टी से ऊपर उठकर इस चुनाव में केवल विकास और जनसेवा के मुद्दे पर वोट करें। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि व्यवस्था से है।

अब देखना यह होगा कि तेज प्रताप यादव का यह राजनीतिक दांव उन्हें जनता की अदालत में कितनी सफलता दिला पाता है और क्या वह अपनी अलग पहचान बनाने में सफल होते हैं या नहीं। महुआ सीट अब सिर्फ RJD बनाम NDA की लड़ाई नहीं, बल्कि तेज प्रताप की प्रतिष्ठा का भी सवाल बन गई है।