पटना में बारिश बनी आफत: दूसरे दिन भी जलजमाव से जूझते रहे कई इलाके
बिहार की राजधानी पटना में मानसून की पहली बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है। सोमवार को दिनभर हुई बारिश के कारण शहर का अधिकांश हिस्सा जलमग्न हो गया था और मंगलवार को भी हालात में ज्यादा सुधार नहीं दिखा। कई इलाकों में अब भी पानी जमा है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
निचले इलाकों की हालत बदतर
पटना के राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, कदमकुआं, दानापुर और फुलवारी जैसे निचले इलाकों में जल निकासी की व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। सड़कें पानी में डूबी रहीं, नालों का पानी घरों में घुस गया और दुकानों में पानी भरने से व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ा।
स्थानीय निवासी रामप्रवेश सिंह ने बताया, "हर बार की तरह इस बार भी नगर निगम सिर्फ कागजों पर तैयार था। दो घंटे की बारिश में ही सारा सिस्टम फेल हो गया। घर में घुटने तक पानी भर गया है।"
यातायात भी प्रभावित
जलजमाव के कारण पटना की सड़कों पर यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। जगह-जगह जाम लग गया, वाहन चालकों को घंटों तक फंसे रहना पड़ा। ऑटो और रिक्शा चालकों ने कई जलमग्न इलाकों में जाने से इनकार कर दिया, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतें हुईं।
नगर निगम पर उठे सवाल
शहर की हालत पर विपक्ष ने नगर निगम और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि हर साल करोड़ों रुपये जलनिकासी और सफाई के नाम पर खर्च होते हैं, लेकिन नतीजा वही शून्य होता है। भाजपा के स्थानीय पार्षदों ने भी नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
प्रशासन का दावा—हालात काबू में
हालांकि, पटना नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि पंपिंग स्टेशनों को सक्रिय कर दिया गया है और सभी बड़े जलजमाव वाले इलाकों में मशीनों के जरिए पानी निकाला जा रहा है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जलजमाव की स्थिति सामान्य हो रही है। बारिश रुकने के बाद अगले 6-8 घंटे में अधिकांश इलाकों से पानी निकाल लिया जाएगा।"
मौसम विभाग का अलर्ट
इस बीच मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक और बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में पटना में हालात और बिगड़ सकते हैं अगर नगर निगम ने तुरंत प्रभावी कदम नहीं उठाए।
जनता की चिंता बरकरार
फिलहाल पटना की जनता को राहत मिलती नहीं दिख रही। लोगों को डर है कि अगर इसी तरह बारिश जारी रही तो जलजमाव और बीमारियों का खतरा और बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने भी जलजनित रोगों को लेकर अलर्ट जारी किया है।
बारिश ने साफ कर दिया है कि पटना को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए केवल दिखावटी योजनाएं नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस और समयबद्ध प्रयासों की जरूरत है।
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