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रेलवे पुलिस ने बच्चा-चोरी गिरोह का भंडाफोड़ — हाजीपुर जंक्शन से 6 माह के बच्चे को ज़िंदा बचाया

 

बिहार में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। Muzaffarpur Rail Police ने हाजीपुर जंक्शन से चोरी हुए छह माह के बच्चे को बरामद कर लड़खड़ा रहे एक बड़े बच्चे-चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस दौरान तीन महिलाओं सहित कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह का कथित सरगना एक झोलाछाप डॉक्टर है। Jagran+2Live Hindustan+2

📌 घटना क्या थी

  • घटना 3–4 दिसंबर की रात की है। बच्चा अपने माता-पिता के साथ हाजीपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर सो रहा था। सुबह जब माता-पिता जागे, तो उनका छह माह का बेटा गायब मिला। @news4nation.com+2Amar Ujala+2

  • स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच में दो संदिग्ध — एक पुरुष और एक महिला — को बच्चे को चुरा कर भागते हुए देखा गया। उनकी पहचान बाद में की गई। @news4nation.com+1

👥 गिरोह की कार्यप्रणाली व गिरफ्तार आरोपी

  • पुलिस की जांच में पता चला कि यह कार्रवाई एक संगठित गिरोह द्वारा की जा रही थी, जिसमें अलग-अलग “लयर” थे — एक लेयर स्टेशन से बच्चे चुराती, दूसरी लेयर खरीदार ढूंढती, और तीसरी लेयर सौदा तय करती थी। Jagran+1

  • गिरोह का मास्टरमाइंड माना जा रहा है अविनाश कुमार — समस्तीपुर जिले का झोलाछाप डॉक्टर। विक्रय के लिए खरीदार ढूंढने, सौदा तय करने और पैसे लेन-देन की जिम्मेदारी उसी की थी। Jagran+1

  • पुलिस ने गिरोह से जुड़े अन्य आरोपी — तीन महिलाएं और अन्य पुरुष — को भी गिरफ्तार किया है। Janta Serishta+2Amar Ujala+2

💰 सौदा और मनी ट्रांजेक्शन

  • पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि बच्चे को ३.५ लाख रुपये में बेच दिया गया था। ट्रांजेक्शन का एक हिस्सा यूपीआई और कैश के रूप में किया गया था। Live Hindustan+2Amar Ujala+2

  • गिरोह के सदस्यों में पैसे वितरण भी स्थापित तंत्र के तहत हुआ था — यानी चोरी, सौदा, पैसे का बंटवारा — सब पहले से तय था। Jagran+1

🔎 पुलिस ने कैसे किया पर्दाफाश

  • जीआरपी, रेलवे पुलिस और विशेष टीम (इंटेलिजेंस + एसटीएफ) ने मिलकर मामले की जांच की। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा व पर्सनल पूछताछ से सबूत जुटाए गए। Jagran+1

  • लगभग दो महीने की मेहनत के बाद, संदिग्धों की पहचान हुई और छापेमारी के दौरान बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया। Live Hindustan+1

  • पुलिस ने किडनैपिंग व मानव तस्करी की इस साजिश को नाकाम कर दिया। Janta Serishta+1

⚠️ यह क्यों है चिंता की बात

  • यह घटना रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है — जहाँ आमतौर पर कई परिवार, बच्चे और असुरक्षित लोग सफर करते हैं।

  • इस तरह के गिरोह सिर्फ चोर नहीं, बल्कि मानव तस्करी, अवैध बेच-खरीद और बच्चों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करते हैं।

  • यदि समय रहते पकड़ा न गया होता, तो बच्चे की ज़िंदगी अंजाम तक जा सकती थी।