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रोहतासगढ़ रोपवे निर्माण पर उठे सवाल, टावर गिरने से भड़का स्थानीय आक्रोश, घटिया निर्माण के आरोप

 

बिहार के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल रोहतासगढ़ में निर्माणाधीन रोपवे परियोजना एक बड़े विवाद में घिर गई है। रोपवे के एक टावर के गिरने की घटना के बाद अब निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगों का आरोप है कि करोड़ों रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना में घटिया सामग्री और लापरवाही बरती जा रही थी।

स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि रोपवे टावर का गिरना किसी हादसे का नहीं, बल्कि खराब निर्माण कार्य का नतीजा है। उनका आरोप है कि निर्माण कार्य के दौरान न तो किसी तकनीकी एजेंसी ने सही तरीके से निगरानी की और न ही प्रशासन की ओर से नियमित जांच की गई। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते गुणवत्ता की जांच होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।

घटना के बाद इलाके में नाराज़गी का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और निर्माण एजेंसी के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि यह परियोजना रोहतासगढ़ को पर्यटन के नक्शे पर मजबूती से स्थापित करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब यह भ्रष्टाचार और लापरवाही की मिसाल बनती जा रही है।

स्थानीय निवासियों का यह भी कहना है कि टावर के निर्माण में मानकों की अनदेखी की गई। आरोप है कि न तो मजबूत फाउंडेशन बनाया गया और न ही इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया। लोगों का दावा है कि निर्माण स्थल पर लंबे समय तक कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचा, जिससे ठेकेदार मनमानी करता रहा।

हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में कोई विस्तृत आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, घटना की प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए गए हैं और तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया है। प्रशासन का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि टावर गिरने की असली वजह क्या थी और किसकी लापरवाही जिम्मेदार है।

रोहतासगढ़ एक ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। यहां रोपवे परियोजना से उम्मीद की जा रही थी कि इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। लेकिन टावर गिरने की घटना ने न सिर्फ परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उनका कहना है कि अगर अभी भी लापरवाही को नजरअंदाज किया गया, तो भविष्य में इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है।